बाराबंकी - स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार डिजिटल किया जा रहा है। सीपीएचसी एप्लीकेशन तथा ई-कवच पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राम जी वर्मा की अध्यक्षता में आरसीएच सभागार में हुआ। अब ग्राम सूचकांग रजिस्टर के स्थान पर ई-कवच मोबाइल एप्लीकेशन द्वारा ही कार्य किया जाएगा। इस दौरान डीपीएम,डीसीपीएम, जिला डाटा प्रबंधक, जिला क्वालिटी मैनेजर एवं जिला परिवार नियोजन प्रबंधक के ने सभी बीपीएम एवं बीसीपीएम अपरेटर को प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण में जिला कार्यक्रम अधिकारी अम्बरीश द्विवेदी ने कहा कि सीपीएचसी एप्लीकेशन तथा ई-कवच से बच्चों और महिलाओं के कुपोषण व टीकाकरण की हकीकत पता चलेगा। एप्लीकेशन के माध्यम से स्वास्थ्य इकाई एवं समुदाय में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़ों को उनके स्त्रोत स्तर पर ही एकत्र कर उनकी व्यापक उपयोगिता सुनिश्चित की जाती है। उन्होने बताया कॉम्प्रिहेंसिव प्राइमरी हेल्थ स्वास्थ सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र को ऑनलाइन करते हुए फ्रंटलाइन वर्कर आशा, एएनएम, संगिनी के माध्यम से ऑनलाइन डाटा फीडिंग का कार्य कराया जायेगा।
डीसीपीएम सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी कार्यक्रम की फीडिंग ऑनलाइन आशा एएनएम के द्वारा मोबाइल से की जाएगी। आशा कार्यकर्ता के द्वारा अब आशा डायरी, संगिनी डायरी आरसीएच रजिस्टर सर्वे मोबाइल पर किया जाएगा।। इसके लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षित बीपीएम, बीसीपीएम ऑपरेटर द्वारा आशा, एएनएम एवं सीएचओ को ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जायेगा।
जिला क्वालिटी मैनेजर ने विनय मौर्य ने बताया इस एप्लीकेशन के लाभ बताते हुए कहा कि इससे उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के फालोअप और प्रबंधन में सुधार होगा। गर्भवती महिलाओं की डिजिटल ट्रैकिग हो सकेगी। स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी रिपोर्टिंग रोकने, कुपोषण और टीकाकरण की हकीकत जानने के लिए ई-कवच एप लांच किया है।