घर व आसपास न होने दें जल जमाव व गंदगी, नहीं तो संक्रामक व संचारी रोगों को देंगे बुलावा



  • आ रहा है त्योहारों का सीजन, रखें साफ-सफाई व स्वास्थ्य का ख्याल
  • जन जागरूकता के साथ फॉगिंग व एंटी लार्वा छिड़काव का कार्य भी तेज
  • बचाव के लिए मच्छर रोधी क्रीम व मच्छरदानी का करें प्रयोग

कानपुर - त्योहारों का सीजन आ रहा है। यही मौका है कि घर, छत व आसपास के स्थानों की अच्छे से साफ-सफाई कर ली जाए। छत पर पड़े निष्प्रयोज्य बर्तनों, बोतलों, गमलों, टायरों, कूलर आदि में एकत्रित पानी को अलग कर सफाई कर ली जाए। घर के बाहर लगी झाड़ियों की कटाई कर ली जाए। जमा हुई गंदगी, कचरा आदि को भी दूर कर लिया जाए। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आलोक रंजन का।

उन्होंने कहा कि घर व आसपास कहीं भी जल जमाव या गंदगी एकत्रित न होने दें, क्योंकि जिन स्थानों पर पानी ठहरेगा या जल जमाव की स्थिति पैदा होगी, वहाँ मच्छरों का लार्वा पनपेगा। इसकी वजह से वेक्टर (मच्छर, मक्खी आदि) जनित विभिन्न संक्रामक व संचारी रोग उत्पन्न होंगे। त्योहार के समय में सभी का स्वास्थ्य बेहतर हो, खुशहाल हो, इसके लिए हमें जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

सीएमओ ने कहा कि वर्तमान में स्वास्थ्य समेत 10 विभागों के सहयोग से जनपद में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह अभियान भी संचालित किया जा रहा है। वायरल फीवर और डेंगू पर प्रभावी रोकथाम व नियंत्रण के लिए निरोधात्मक गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जा रही हैं।

जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में डेंगू, मलेरिया व मच्छर जनित अन्य बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरूकता का कार्य किया जा रहा है जिससे स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सके। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर जन-जागरूकता के माध्यम से बदलते मौसम, संचारी रोगों से बचाव और साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी जा रही है। शहरी क्षेत्र के लिए गठित की गयी नगर पालिका की टीम वार्ड और मोहल्लों में जाकर जन-जागरूकता के साथ ही फॉगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव का कार्य कर रही हैं, जिससे इन बीमारियों को फैलने से रोका जा सके।

उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित अधिकतर बीमारियाँ मच्छरों के काटने से फैलती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए घर व आस-पास साफ-सफाई रखें तथा जल का भराव न होने दें। झाड़ियों और नालियों को साफ सुथरा रखें, आसपास रुके हुए पानी में जला हुआ मोबिल आयल या मिट्टी का तेल डालकर लार्वा को नष्ट करें, घर के दरवाजे और खिड़की पर मच्छर रोधी जाली लगाएं। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। कूलर, फ्रिज आदि को साप्ताहिक रूप से साफ करें। छत पर निष्प्रयोज्य बर्तन, पाइप, टायर, नारियल के खोल आदि न डालें। गमलों और फूलदानों को भी साफ रखें।  

खानपान पर दें ध्यान : डीएमओ ने बताया कि बुखार की स्थिति में मरीज को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। अधिक से अधिक तरल पदार्थों जैसे ताजे फलों का जूस, दाल का पानी, नारियल पानी, ओआरएस घोल, दूध-छाछ, ताजे फल, प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों आदि का सेवन करना चाहिए। तले भुने, गरिष्ठ भोजन, दर्द निवारक दवाओं आदि से बचना चाहिए।

डेंगू, मलेरिया व बुखार में अंतर समझना जरूरी : डीएमओ ने बताया कि आम लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि उन्हें मलेरिया हुआ है या डेंगू या सामान्य बुखार है। मलेरिया का बुखार ठंड देकर आता है तो डेंगू में लगातार बुखार के साथ हड्डियों-जोड़ों में दर्द रहता है। इस तरह के कोई भी लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श लेकर मलेरिया और डेंगू की जाँच करानी चाहिए। जनपद के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मलेरिया व डेंगू के इलाज की सुविधा उपलब्ध है।