फाइलेरिया मरीजों को दिया गया एमएमडीपी का प्रशिक्षण



  • 55 फाइलेरिया मरीजों को दी गई  एमएमडीपी किट

लखनऊ - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान और स्वयंसेवी संस्था  पाथ के सहयोग से फाइलेरिया  मरीजों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता प्रबंधन (एमएमडीपी) पर अभिमुखीकरण किया गया । इस मौके पर 55  फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट भी प्रदान की गयी ।

इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक डा. अवधेश कुमार ने कहा कि एमएमडीपी किट का वितरण इसलिए किया जा रहा है कि प्रभावित अंगों की नियमित रूप से सफाई करें जिससे कि किसी तरह का संक्रमण न होने पाए। इसके साथ ही नियमित व्यायाम करने से फाइलेरिया प्रभावित अंगों में सूजन बढ़ती नहीं है।

सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के तहत साल में एक बार  फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है।

स्वयंसेवी संस्था पाथ की प्रतिनिधि डा. पूजा धुले ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के बारे में बताया कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों पर
कभी भी रगड़ते हुए साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए । नियमित रूप से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सफाई करनी चाहिए । हल्के हाथों से तौलिए से पोंछना चाहिए । यदि कहीं कटा हुया है तो अच्छे से सुखाकर उस पर एंटी सेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए।

खानपुरमऊ गाँव की 55 वर्षीय फाइलेरिया पीड़ित मायावती ने बताया कि सीएचसी से हमें जो बाल्टी, टब, तौलिया, साबुन और मग मिला है उसका उपयोग फाइलेरिया प्रभावित अंगों की देखभाल के लिए करेंगे । डाक्टर साहब ने जो बातें बताई हैं उनका पालन करेंगे।

इस अवसर पर मलेरिया निरीक्षक सीमा शुक्ला , स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह, बीसीपीएम प्रद्युम्न कुमार मौर्य, एडीआरओ पीसीपांडे, एचएस पुष्पित मिश्रा, बेसिक हेल्थ वर्कर कैलाश, आशा कार्यकर्ताएं और 55 फाइलेरिया मरीज मौजूद रहे थे।