अपने पाल्यों को खुद ड्यू लिस्ट जोड़ें, घर के नजदीक करवायें नियमित टीकाकरण



  • यूविन पोर्टल के जरिये जिले में अब तक 13602 सत्र आयोजित, मोबाइल से ओटोपी बेस्ड लॉगिन कर लें लाभ
  • कोविड टीकाकरण वाले मोबाइल नंबर से लॉगिन करेंगे तो स्वतः दिखेगा कोविन पोर्टल पर दर्ज डिटेल

कानपुर नगर - अगर किसी कारणवश कोई बच्चा स्वास्थ्य विभाग की ड्यू लिस्ट में शामिल नहीं है और टीकाकरण से वंचित है तो उसके अभिभावक खुद उसे इस सूची में शामिल कर सकते हैं। यह सुविधा यूविन पोर्टल पर शुरू की जा चुकी है। एक बार बच्चे का नाम पोर्टल पर एड हो जाएगा तो न सिर्फ नजदीकी केंद्र पर टीकाकरण की सुविधा मिल जाएगी, बल्कि सिस्टम खुद समय समय पर टीकाकरण के लिए याद दिलाता रहेगा। इस पोर्टल पर अभिभावकों को मोबाइल नंबर से ओटीपी के जरिये लॉगिन करना होगा । जिन लोगों ने कोविड टीकाकरण करवाया है वह कोविन पोर्टल पर दर्ज अपने नंबर से यूविन पोर्टल पर लॉगिन करेंगे तो उन नामों का विवरण दिखाई देने लगेगा जो कोविन पर पहले से दर्ज हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि यूविन पोर्टल पर अभिभावक को बच्चे का विवरण भरना होगा। इसके बाद टीकाकरण के सत्र स्थल को चयनित करने का विकल्प मिलेगा। इस तरह अभिभावक अपने नजदीकी सत्र स्थल का चुनाव कर बच्चे का टीकाकरण करवा सकेंगे। टीकाकरण करने वाली एएनएम को वह अपना संबंधित मोबाइल नंबर और आधार कार्ड दिखाएंगे व इसके बाद एएनएम विवरण देख कर टीका लगा देंगी। जब एएनएम बच्चे के टीकाकरण का विवरण दर्ज कर देंगी तो अभिभावक को खुद बच्चे के अगले टीके का संदेश उनके मोबाइल पर जाएगा ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यूविन पोर्टल के जरिये जिले में 13602 सत्र आयोजित किये जा चुके हैं। इन सत्र स्थलों पर शून्य से एक वर्ष के 46498 और एक वर्ष से अधिक उम्र के 21683 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। गर्भवती को भी यूविन पोर्टल के जरिये ही टीकाकरण की सुविधा दी जा रही है। जिले में अब तक 20111 गर्भवती को इस पोर्टल के जरिये टीका लगाया गया है। डिलीवरी प्वाइंट पर अब तक हेपेटाइटिस बर्थ डोज 1415, बी.सी.जी. 1415 एवं ओपी.वी. जीरो डेज 1426 के टीके लगे।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया की यूएनडीपी संस्था के सहयोग से यूविन पोर्टल का संचालन किया जा रहा है। इस कार्य में जिले के सभी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट और खासतौर से बीपीएम का विशेष सहयोग मिल रहा है। विभाग की कोशिश है कि शत फीसदी टीकाकरण सत्र पोर्टल के जरिये ही संचालित हों, ताकि सभी बच्चों और गर्भवती को सम्पूर्ण टीकाकरण की सुविधा प्राप्त हो। इस पोर्टल से आप स्वयं टीकाकरण का प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर सकते हैं।

रैंकिंग में आया सुधार : विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलान्स मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) हेमंत अधिकारी का कहना है की जिला प्रतिरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में टीकाकरण के सभी मानकों में सुधार आया है। लोग टीकाकरण के प्रति जागरूक हो रहें है और राज्य स्तर पर भी जनपद की रैंकिंग में वृद्धि दर्ज की गयी है।

सरकारी प्रावधानों के तहत लगते हैं यह टीके : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में बच्चों को बारह प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। साथ ही कहा की यदि किसी भूलवश या  कारणवश कोई टीका रह गया है और बच्चा उसी बीमारी से ग्रसित हो गया है ऐसी स्थिति में उस बीमारी के बचाव और निदान के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलान्स मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) हेमंत अधिकारी के मो नंबर 8839397781 पर संपर्क किया जा सकता है।

यह है टीकाकरण की अनुसूची : ओपीवी बच्चे के जन्म के समय, डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन और सोलह से चौबीस माह के बीच, आरवीवी जन्म के डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह पर, एमआर नौ माह व सोलह से चौबीस माह के बीच, एफआईपीवी डेढ़ माह व साढ़े तीन माह पर, पीसीवी डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह पर, डीपीटी सोलह से चौबीस माह व पांच वर्ष पर, विटामिन ए नौ माह, सोलह से चौबीस माह, दो से पांच वर्ष तक हर छह माह के अंतराल पर, टीडी का टीका दस वर्ष व सोलह वर्ष पर, बीसीजी का टीका जन्म के समय, जेई का टीका नौ माह व सोलह से चौबीस माह पर, हेपेटाइटिस बी का टीका जन्म के समय और पेंटावेलेंट का टीका डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह की उम्र में लगाया जाता है। गर्भवती को टीडी का पहला टीका गर्भावस्था का पता लगने पर, दूसरा टीका टीडी प्रथम के चार सप्ताह बाद और टीडी का बूस्टर डोज उन गर्भवती को लगाया जाता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में गर्भावस्था के दौरान टीडी टीके की एक खुराक ली हो।

पोर्टल से ही बन रहा है आभा आईडी : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि यूविन पोर्टल https://uwin.mohfw.gov.in/home पर आभा आईडी बनाने का विकल्प आ रहा है। आधार बेस्ड ओटीपी वेरिफिकेशन के जरिये अभिभावक अपना आभा आईडी बना सकते हैं । अपने पहचान पत्र के माध्यम से वह बच्चों की भी आभा आईडी जेनरेट कर सकते हैं।