नौ माह से पांच वर्ष की उम्र तक विटामिन ए की खुराक लेना है अनिवार्य



  • रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को4.68 लाख बच्चों पियेंगे ‘विटामिन ए’ की खुराक
  • जनपद में बुधवार से पूरे एक माह तक चलेगा ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम
  • तैयारियों को लेकर आयोजित हुई जनपद स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला

कानपुर - विटामिन ए का सेवन बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ- साथ विभिन्न बीमारियों से भी बचाव करता है । इसी उद्देश्य से जनपद में नौ माह से पाँच वर्ष तक के 4.68 लाख बच्चों को ‘विटामिन-ए’ की खुराक पिलाने के लिए बुधवार से ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। यह कार्यक्रम 26 जून से 25 जुलाई तक पूरे एक माह तक चलेगा। इसकी  तैयारियों को लेकर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन के निर्देशन में सीएमओ कार्यालय सभागार में जनपद स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे कार्यक्रम के नोडल व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने कहा कि विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष दो चरणों में छह माह के अंतराल पर आयोजित किया जाता है। इसमें नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक से आच्छादित किया जाता है। इस क्रम में 26 जून से यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जो कि अगले एक माह तक चलेगा। कार्यक्रम के सफलतापूर्वक संचालन के संबंध में स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग को संयुक्त रूप से दिशा-निर्देश  दिए गए हैं। अभियान से जुड़े दोनों विभागों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वह ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी व यूएचएसएनडी) सत्रों में नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ए की खुराक पिला सकें और उसका सही ढंग से अनुसरण कर सकें।

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राजेश्वर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर समस्त तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही हैं। कार्यक्रम के संचालन के दौरान प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी व यूएचएसएनडी सत्रों पर नौ माह से पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों को अलग-अलग चम्मचों से विटामिन ए खुराक पिलायी जाएगी।

न होने दें विटामिन-ए की कमी : डॉ सिंह ने बताया कि विटामिन ‘ए’ की कमी से बच्चों में नजर का कमजोर होना, रात्रि के समय कम दिखाई देना, अंधेपन का शिकार हो जाना, रूखी आँख, रूखी त्वचा और त्वचा से संबन्धित समस्याएं हो सकती हैं। इसकी कमी से बचपन में होने वाली दस्त जैसी आम बीमारियाँ भी गम्भीर हो सकती हैं। इन सभी कमियों को पूरा करने के लिए बच्चों को विटामिन ए की खुराक देना बेहद आवश्यक है। इसकी खुराक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में एमआर टीके के प्रथम और दूसरे डोज के दौरान दी जाती है । इसके बाद तीसरी से नौंवी खुराक अभियान के दौरान प्रत्येक छह माह पर दी जाती है। नौ माह से एक वर्ष तक के बच्चे को आधा चम्मच और एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चे को पूरा चम्मच दवा पिलाना अनिवार्य है।

इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सहित ग्रामीण एवं शहरी प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षक/प्रभारी चिकित्साधिकारी, जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक, एआरओ, डब्ल्यूएचओ से एसएमओ, यूनिसेफ से डीएमसी , यूएनडीपी से वीसीसीएम  ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक (बीपीएम) एवं आईसीडीएस विभाग से बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मौजूद थे।