उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की चिकित्सा इकाइयों को केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने किया सम्मानित



लखनऊ । आम जनमानस को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की दिशा में समर्पित प्रदेश सरकार के लिए शुक्रवार का दिन उपलब्धियों भरा रहा।

शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार  प्रतापराव जाधव एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा उत्तर प्रदेश से उत्कृष्ट कार्य करने वाले नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन प्राप्त चिकित्सा इकाईयों- वीरागंना अवन्ती बाई महिला चिकित्सालय लखनऊ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संग्रामगढ़ प्रतापगढ़, आयुष्मान आरोग्य मंदिर धकिया भूर, अमरोहा को सम्मानित किया गया।  

इस अवसर पर इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री (डीआईएचपीएल) एवं स्व मूल्यांकन हेतु आईपीएचएस डैश बोर्ड आदि के दिशा-निदेशों का भी केन्द्रीय राज्य मंत्री द्वारा लांच किया गया। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले राज्यों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में पार्थ सारथी सेन शर्मा,  प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उप्र, डॉ. पिंकी जोवल, मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबन्धक- क्वालिटी एश्योरेंस, एनयूएचएम, कम्युनिटी प्रोसेस एवं नियोजन उपस्थित रहे।

प्रदेश की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने बताया कि जिला चिकित्सालय श्रेणी में प्रदेश को देश में ‘प्रथम’ स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस तरह के सम्मान के साथ हमारी जिम्मेदारियां और भी बढ़ जाती हैं कि प्रदेश के हर व्यक्ति को घर के निकट आयुष्मान आारोग्य मंदिरों पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने को हम सभी प्रयासरत हैं। इस सर्टिफिकेशन से मरीजों को बेहतर इलाज के साथ ही उच्च गुणवत्तापूर्ण देखभाल की सुविधा मुहैया करायी जा सकेंगी, जिससे प्रदेश आम जन को गुणवत्तापरक उपचार ‘जीरो पॉकेट खर्च’ के रूप में हो सके। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश की 256 चिकित्सा इकाईयाँ एंक्वास सर्टिफिकेशन प्राप्त कर चुकी हैं जिसमें 56 जनपद स्तरीय, 42 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सम्मिलित हैं एवं अगले तीन महीने में इतनी ही और इकाइयों को इसके दायरे दायरे में लाने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।

मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने कहा कि प्रदेश की सभी स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन के दायरे में लाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत समग्र प्रयास है कि प्रदेश की कम से कम 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों को वर्ष 2025 तक नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड के दायरे में लाया जाए और वर्ष 2026 तक शत-प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयाँ यह सर्टिफिकेशन प्राप्त कर लें। इस तरह सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों के भरोसे और विश्वास पर हम शत-प्रतिशत खरे उतर सकेंगे।  

गौरतलब है कि स्वास्थ्य इकाईयों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड’ के अन्तर्गत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन वर्ष 2013 में प्रारम्भ किया गया। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन के महत्व पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि भारत सरकार केवल उन्हीं स्वास्थ्य इकाइयों को यह प्रमाण-पत्र प्रदान करता है जो मानक के अनुसार मरीजों का उपचार और देखभाल करती हैं।