अपर निदेशक की पहल - दूरबीन विधि से महिला नसबंदी की सेवायें शुरू



  • मां कांशीराम चिकित्सालय में अपर निदेशक ने किया शुभारम्भ, कुल पांच इच्छुक महिलाओं की हुई नसबंदी
  • लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने में शहरी आशाओं की भूमिका अहम - अपर निदेशक

कानपुर नगर - जनपद के रामदेवी स्थित मां कांशीराम संयुक्त जिला चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर में अब महिलाओं के लिये दूरबीन विधि (लैप्रोस्कॉपिक विधि) से नसबंदी की सेवायें मंगलवार से शुरू कर दी गयीं। इससे पहले यहाँ मिनी लैप्रोस्कोपिक यानि छोटा चीरा लगाकर नसबंदी की सेवायें दी जाती थी। मंगलवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अपर निदेशक, कानपुर मंडल, डॉ संजू अग्रवाल ने इसका शुभारम्भ किया। अपर निदेशक की अगुवाई में दूरबीन विधि से कुल पांच इच्छुक महिलाओं की नसबंदी हुई जिसमें दो खुद अपर निदेशक ने की। इस दौरान सर्जन डॉ मंजू सचान ने भी उनका सहयोग किया।

अपर निदेशक ने बताया कि कानपुर जनपद में अभी तक  दूरबीन विधि से महिला नसबंदी की सेवा जिला महिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरसौल , भीतरगांव , बिधनू , पतारा और घाटमपुर में दी जाती थी। परिवार नियोजन में महिलाओं की नसबंदी दो तरीके की जाती है। एक दूरबीन विधि से दूसरी मिनी लैप विधि से। उन्होंने बताया - दूरबीन विधि से नसबंदी करने के लिए एक महिला चिकित्सक व एक सर्जन की जरूरत पडती है। जबकि मिनी लैप विधि से एमबीबीएस चिकित्सक को प्रशिक्षित होना आवश्यक है।

इसके साथ ही अपर निदेशक का कहना है की परिवार नियोजन को लेकर जो भ्रांतियां है, उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा चिकित्सा स्टाफ की है। किसी भी तरह के परिवार नियोजन साधन देने से पहले लाभार्थी को उसके बारे में पूरी जानकारी दी जाए। आशा और एएनएम के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए। साथ लाभार्थी के साथ मित्रवत व्यवहार किया जाए और परिवार नियोजन विधि अपनाने से पहले और अपनाने के बाद लाभार्थियों को सुविधा प्रदान की जाए।

जिला महिला चिकित्सालय की सर्जन डॉ मंजू सचान का कहना है की परिवार नियोजन के स्थाई साधनों में नसबंदी प्रमुख माना जाता है। अभी तक नसबंदी पुराने तरीके (मिनी लैप) से होती रही है, जिसमें महिलाओं को तीन टांकें भी लगाए जाते थे। इस विधि में थोड़ी तकलीफ भी होती थी, लेकिन अब दूरबीन विधि (लैप्रो स्कोपी) का प्रयोग होना शुरू हो गया, जिसमें सिर्फ एक टांका लगाया जाता है और तकलीफ भी कम होती है।

नसबंदी करवाने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि : मंडलीय परिवार नियोजन प्रबंधक अर्जुन प्रजापति ने बताया की महिला नसबंदी करवाने पर महिला लाभार्थी को 2000 रूपए और प्रेरक को 300 रूपए  की प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसके साथ ही बताया की महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि भी रखी गई है। नसबंदी करवाने पर पुरुष लाभार्थी को 3000 रूपए  मिलता है वहीं प्रेरक को प्रति लाभार्थी रूपए  रुपया मिलता है।

जनपद की स्थिति : एचएमआईएस पोर्टल के अनुसार जनपद में इस वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल से जून  तक कुल 5 पुरुष नसबंदी और 414 महिला नसबंदी हुई हैं