फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है इसलिए बचाव की दवा जरूरु खाएं – मिशन निदेशक



  • एमडीए अभियान सबके सहयोग से ही सफल होगा - पिंकी जोवेल

लखनऊ - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 27 जिलों में आगामी 10 अगस्त से चार सितम्बर तक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलेगा जिसके तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी । इसी क्रम में बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ पिंकी जोवेल ने कहा की इस बार शत प्रतिशत दवा खिलाने के सारे उपाए किये जाए यदि दिन में लोग नहीं मिल रहे तो रात में दवा खिलाये इसके लिए आशा के साथ कोई पुरुष वर्कर रखा जाए साथ ही सभी डेटा ई कवच पर दर्ज किया जाए इसे आशा मॉडुल में भी जोड़ा गया है हर तरह इंकार परिवारों को तैयार करने के लिए विशेष प्रयास किया जाए गाँव गाँव स्वयं सहायता समूहों को संवेदित कर अभियान में उनका सहयोग लें फाइलेरिया की दवा का सेवन करने से इंकार करने वालों को दवा खिलाने के लिए प्रेरित करने में धर्म गुरुओं, शिक्षा विभाग, पंचायत और फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों का भी सहयोग लें और प्रचार प्रसार पर ज़ोर दे।

उन्होने बताया की भारत सरकार के साथ हुई वार्ता मेन उत्तर प्रदेश मेन चले अभियानों की सराहना हुई है इसके लिए सभी जिलों से आए अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं बधाई के पत्र है पर इस बार कवरेज के साथ साथ फोकस गुणवत्ता बढ़ाने पर रहें।  

निदेशक वीबीडी डा. हरगोविंद ने सिंह के कहा कि फाइलेरिया मच्छर से होने वाला लाइलाज रोग है और इससे बचाव ही एक प्रमुख विकल्प है | साल में दो बार अभियान चलाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाती है| मच्छर के काटने के बाद बीमारी को उभारने में क्यों साल लग जाते हैं जिससे बीमारी होने के लक्षण का पता नहीं चलता और हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का ही एक रूप है इसलिए दवाई खानी नितांत आवश्यक है ध्यान रहे दवा खाली पेट ना खाएं।

अपर निदेशक वीबीडी डॉ सईद अहमद ने कहा कि सभी जिलों को नियमित मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग करने पर जोर देना है जिससे अभियान में यदि कही व्यवधान है तो उसे तुरंत दूर करके अभियान से अपेक्षित सुधार किए जा सके।

राष्ट्रीय कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. अम्बुज श्रीवास्तव ने ई कवच पर एंट्री के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर  27 जिलों के एसीएमओ, डीएमओ और डीसीपीएम ने प्रतिभाग किया और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पाथ, डब्लूएचओ, पीसीआई, जीएचएस और सीफ़ॉर संस्था के प्रतिनिंधि मौजूद रहें।