माँ बच्चे की स्वास्थ्य सुरक्षा से स्थिर होगी जनसंख्या– प्रमुख सचिव



  • विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित हुई वर्चुअल बैठक

लखनऊ : विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर आयोजित वर्चुअल बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा की अध्यक्षता में सभी राज्यों ने जनसंख्या स्थिरता को लेकर किए जा रहे प्रयासों और उपलब्धियों को साझा किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश में जनसंख्या स्थिरता को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत जानकारी दी।

प्रमुख सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के चौथे दौर में प्रदेश का कुल प्रजनन दर 2.7 था, जो पांचवे दौर में घटकर 2.4 हो गया है। साथ ही, आधुनिक परिवार नियोजन साधनों का उपयोग 31.7% से बढ़कर 44.5% हो गया है। अगले राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के दौर में इसे और बेहतर करने के प्रयास जारी रहेंगे।

प्रमुख सचिव ने अपनी बात मेंजनसंख्या स्थिरता के लिए तीन मुख्य स्तंभों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ परिवार नियोजन साधनों की पहुंच है। परिवार नियोजन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (FPLMIS) के माध्यम से योग्य दंपतियों तक परिवार नियोजन साधनों को पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। दूसरा स्तंभ सामुदायिक जागरूकता और मोबलाइजेशन है। समुदाय में सारथी वाहनों के माध्यम से परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों के प्रति जागरूकता फैलाना और सास-बहू-बेटा सम्मेलनों का आयोजन कर सीमित परिवार के महत्व को समझाना और पुरुषों की भागीदारी बढ़ाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष की पीआईपी में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए 'मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन' के  आयोजन का प्रावधान किया गया है।  

तीसरे स्तंभ के रूप में उन्होंने प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण बताया। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर कर दम्पति को परिवार नियोजन अपनाने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सकता  है। इसके अंतर्गत छाया ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस को सुधारना, आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत एएनएम  और सीएचओ को सशक्त करना, सभी बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित करना और प्रथम संदर्भन इकाई  को सुदृढ़ बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि यदि यह सभी प्रयास सफल होते हैं और लोगों को समुचित सेवाएँ मिलती हैं तो नवजात मृत्यु दर कम होगी। इससे परिवारों को विश्वास मिलेगा कि दो बच्चे पर्याप्त हैं क्योंकि वे सभी स्वस्थ रहेंगे और जीवित रहेंगे। इस विश्वास से परिवार नियोजन साधनों की स्वीकार्यता बढ़ेगी।

इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सुगम मॉडल की सराहना करते हुए इसे सभी जगह लागू करने की बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत' के सपने का जिक्र करते हुए कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि हर व्यक्ति और दंपति अपने भविष्य की योजना आत्मविश्वास और आशा के साथ बना सके और देश में कोई भी महिला अनियोजित गर्भधारण के बोझ तले न दबे। इसलिए इस वर्ष के विश्व जनसंख्या दिवस का स्लोगन भी 'विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान' रखा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि विकसित परिवार होगा तो विकसित भारत होगा। विकसित परिवार के लिए हमें युवाओं को संबोधित करना होगा ताकि हम जनसंख्या स्थिरता के पहलू को बेहतर परिणाम देने में सक्षम हो सकें। बैठक में उत्तर प्रदेश से प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के अलावा मिशन निदेशक डाक्टर पिंकी जोवेल और महाप्रबंधक परिवार नियोजन डाक्टर सूर्यन्शु ओझा ने प्रतिभाग किया। सभी   राज्यों ने अपने-अपने प्रयासों को साझा किया और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।