अल्ट्रापोर्टेबल हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन से सुदूर गांवों तक सुगम होगी टीबी की पहचान



  • स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में संस्था 'टीबी अलर्ट इंडिया' द्वारा दिया जा रहा सहयोग
  • ब्लॉक कल्याणपुर के ग्राम पंचायत शंकरपुर सराय कटरी में लगा पहला एक्टिव स्क्रीनिंग हेल्थ कैंप
  • प्राथमिक चरण में कुल चार ब्लॉक की 20-20 ग्राम पंचायतों का हुआ चयन  

कानपुर। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत जनपद में टीबी की जांच के लिए घर के पास ही एक्स-रे की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए सेंट्रल टीबी डिवीज़न के द्वारा सहयोगी संस्था 'टीबी अलर्ट इंडिया' अल्ट्रापोर्टेबल हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों की टीबी की जांच हेतु स्क्रीनिंग का कार्य करेगी। यह जानकारी जिला क्षयरोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ आरपी मिश्रा ने दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश के संयुक्त निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से पत्र जारी हुआ है।  

डीटीओ ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान को सुदृढ़ीकरण करने के लिए सरकार की ओर से यह पहल की गई है। यह सुविधा उन वार्ड, ब्लॉक व गांव में विशेष रूप से प्रदान की जाएगी, जहां सर्वाधिक टीबी रोगी मिलने की संभावना हैं अथवा मिलते हैं। इन स्थानों पर विशेष शिविर लगाकर टीबी के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों की जांच के लिए मौके पर ही एक्स-रे किया जाएगा। टीबी की संभावना होने पर संबन्धित सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर उनकी आगे की जांच तथा टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाएगा। प्राथमिक चरण में संस्था द्वारा कुल चार ब्लॉक कल्याणपुर, शिवराजपुर, बिधनू व भीतरगांव की 20-20 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है जिसमें कैंप लगाये जायेंगे।
 
जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना ने बताया की टीबी अलर्ट इंडिया के सहयोग से पहला स्वास्थ्य शिविर ब्लॉक कल्याणपुर के ग्राम पंचायत शंकरपुर सराय कटरी में लगाया गया । इस दौरान कुल 30 लोगों का एक्सरे किया गया जिनमें 12 लोगों में टीबी के संभावित लक्षण पाए गए है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। जिस भी ब्लॉक व गांव में सर्वाधिक टीबी के मरीज मिलेंगे, या फिर पूर्व चलाए गये अभियानों के दौरान अधिक संख्या में टीबी मरीज मिले हैं, वहाँ शिविर लगाकर लक्षण वाले अन्य व्यक्तियों का मौके पर पोर्टेबल हैंड हेड एक्स-रे मशीन से एक्स-रे किया जायेगा। टीबी की पुष्टि होने पर उनका तत्काल प्रभाव से उपचार शुरू किया जायेगा।

सहयोगी संस्था 'टीबी अलर्ट इंडिया' के स्टेट लीड शिवम मिश्रा ने बताया की संस्था द्वारा जिले में टीबी उन्मूलन के लिए नये टीबी रोगियों को खोज कर उन्हें इलाज व सरकारी सुविधाओं से जोड़ने पर विशेष जोर है। इसी कड़ी में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैम्प लगा कर नये टीबी मरीज खोजे जा रहे हैं। इन कैम्प में पोर्टेबेल एक्स रे मशीन से मौके पर ही टीबी जांच की सुविधा मिल रही है, साथ ही बलगम से भी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया की संस्था में कुल छह लोगों की टीम जनपद में तैनात रहेगी।

इस दौरान डीपीसी राजीव सक्सेना, एसटीएस शोभित , टीबीएचवि शालीन , सीएचओ अवनीत, आशा बहु सरिता कुशवाह, शिवानी, आशा निशाद,नंदिनी और सहयोगी संस्था 'टीबी अलर्ट इंडिया' के स्टेट लीड शिवम मिश्रा सहित गौरव सिंह, रवि गुप्ता, अभय सिंह, धर्मेंद्र सक्सेना और माला वर्मा उपस्थित रहे।
 
ऐसे काम करेगी मशीन : डीपीसी का कहना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन को वाईफाई के माध्यम से लैपटाप के साथ जोड़ा जाएगा, जिसमें एआइ युक्त सॉफ्टवेयर होगा जो एक्सरे मशीन से प्राप्त छवि की 30 सेकंड में स्कैनिंग कर एआई के माध्यम से फेफड़ों की टीबी होने की सम्भावना के विषय में रिपोर्ट दे देगा । रिपोर्ट से ही पता चल जाएगा कि संबंधित मरीज टीबी का संदिग्ध केस है या नहीं। वर्तमान में लक्षण वाले मरीज का पहले टेस्ट किया जाता है और उसके बाद ही एक्स-रे होता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। इसके अलावा उन ग्रामीण क्षेत्रों व छोटे गांवों में भी मशीन को पहुंचाने से संक्रमण की पहचान करने में मदद मिलेगी, जहां एक्स-रे व अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं।

यह लक्षण दिखे तो कराएं जांच : अगर दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी, सीने में दर्द, बलगम में खून आना, शाम को पसीने के साथ बुखार, भूख न लगना, तेजी से वजन गिरने जैसे लक्षण हो तो जांच अवश्य करवाना चाहिए।