- घरों के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में इनकी भूमिका अहम
- राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरा सरसौल ब्लॉक का आयुष्मान आरोग्य मंदिर पुरवामीर
- जनपद के कुल पांच आयुष्मान आरोग्य मंदिर अब तक हुए एन्कवास प्रमाणित
कानपुर नगर - ‘आरोग्यं परमं धनम्’ को ध्याम में रखते हुए घर के नजदीक ही संचालित किए जा रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से समुदाय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने पर विशेष ध्यान दे रही है। जनपद के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में सेवाओं और सुविधाओं को बेहतर कर इन्हें राष्ट्रीय मानक पर लाने का काम चल रहा है। जनपद के कुल पाँच आरोग्य मंदिरों को राष्ट्रीय स्तर का सर्टिफिकेट मिल चुका है। हाल ही में भारत सरकार ने जनपद के ब्लॉक सरसौल के पुरवामीर आयुष्मान आरोग्य मंदिर को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टेंडर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से आम लोगों को कई तरह की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्चे के उपलब्ध होती हैं। यह स्वास्थ्य इकाइयां लोगों को घरों के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं, इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ा है। डॉ. रंजन ने बताया कि इस समय जिले में सक्रिय सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर समुदाय को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रहे हैं। वहां बीमारियों की स्क्रीनिंग, टेलीकंसल्टेशन से चिकित्सकों से परामर्श और दवा उपलब्ध कराना, मातृ शिशु स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करना, गैर संचारी बीमारियों की स्क्रीनिंग और संचारी रोगों की रोकथाम के कार्य किये जा रहे हैं। जनसमुदाय को स्वास्थ्य देने में इन केंद्रों की अहम भूमिका है और इनका एनक्वास प्रमाणीकरण गुणवत्तापूर्ण सेवा की गारंटी है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल डॉ रमित रस्तोगी ने बताया कि इस प्रमाण पत्र को हासिल करने में वहां के स्थानीय ग्राम प्रधान, सीएचओ, एएनएम, आशा, अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और जिला व ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई और जिला व मंडलीय क्वालिटी टीम एवं कंसल्टेंट ने प्रमुख भूमिका निभाई है। इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी कायाकल्प और एनक्वास को लेकर मूल्यांकन प्रक्रिया की जा रही है। धीरे-धीरे जनपद के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी व पीएचसी को एनक्वास सर्टिफाइड व कायाकल्प का दर्जा मिलेगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरसौल के बीपीएम अंशुमान सिंह ने बताया की पुरवामीरपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर को 92.68 फीसदी अंक मिले हैं। इसका राष्ट्रीय स्तर का मूल्यांकन पिछले माह अक्टूबर में हुआ था। इससे पहले सरसौल ब्लॉक का प्रेमपुर आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी एनक्वास सर्टिफाइड हो चुका है। इस केंद्र को जो पुरस्कार मिलेगा उनकी 75 फीसदी रकम अस्पताल में गुणात्मक सेवा देने के उपायों पर खर्च करनी है, जबकि 25 फीसदी की धनराशि कर्मचारियों के प्रोत्साहन व पुरस्कार में खर्च करने का प्रावधान है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के लिए निर्धारित मानक : जनपदीय परामर्शदाता क़्वालिटी एश्यूरैंस डा. आरिफ़ बेग़ ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित सात मानकों यथा केयर इन प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड बर्थ, निओनेटल एंड इंफेंट हेल्थ सर्विसेज़, चाइल्डहूड एंड एडोलसेंट हेल्थ सर्विसेज़, फैमिली प्लानिंग, मैनेजमेंट ऑफ कम्यूनिकेबल डीजीज़, मैनेजमेंट ऑफ सिम्पल इलनेस इनक्लूडिंग माइनर एलीमेंट्स एवं मैनेजमेंट ऑफ नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज पर बेहतर स्कोर प्राप्त हुए हैं। इसके तहत परामर्श से लेकर गर्भावस्था, प्रसव पूर्व जांच व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल, नवजात शिशु देखभाल, सम्पूर्ण टीकाकारण, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी सेवाएं, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, जांच, परामर्श आदि के साथ ही जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके लिए सभी सीएचओ, एएनएम, संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वह सभी मानकों को पूरा कर सकें।