समर्पित भाव से कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में जुटे हैं पवन



  • यूएनडीपी संस्था के माध्यम से दिया जा रहा है तकनीकी सहयोग
  • वैक्सीन वेस्टेज रोकने, मैनेजमेंट में 24 घंटें दे रहे हैं योगदान

गोरखपुर - यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) संस्था से जुड़े जिला कोल्ड चेन मैनेजर पवन सिंह पर्दे के पीछे से कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग कर रहे हैं । उनके द्वारा वैक्सीन वेस्टेज रोकने, कोल्ड चेन मैनेजमेंट और वैक्सीन मैनेजमेंट में हर वक्त तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है । जिले में कोविड टीकाकरण को 87 फीसदी तक पहुंचाने में संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर उनके योगदान को विभाग भी सराह रहा है ।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद का कहना है कि जनवरी 2021 में जब कोविड के वृहद टीकाकरण कार्यक्रम को सम्पन्न कराने की बात हुई तो तत्कालीन अधिकारियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती थी कि इसे कैसे सम्पन्न कराया जाएगा । उस समय यूएनडीपी संस्था की मदद से टीकाकरण की राह आसान हुई । स्वास्थ्यकर्मियों, अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के टीकाकरण के बाद समुदाय का टीकाकरण कराने में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूएनडीपी, यूनिसेफ और केयर इंडिया ने अहम भूमिका निभाई। संस्था की मदद से वैक्सीन  का तापमान मेंटेंन करने, हर जगह टीके की समय से आपूर्ति करवाने, कोविन पोर्टल की कमियों को दूर करने में काफी मदद मिल रही है ।

जिला कोल्ड चेन मैनेजर पवन जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक मुख्यालय तक सक्रिय रहते हैं । खोराबार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश बताते हैं कि जब कभी भी कोविन पोर्टल संबंधित कोई समस्या आती है तो वह पवन से संपर्क करते हैं और पोर्टल की समस्या दूर हो जाती है । पवन के माध्यम से टीकाकरण संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण भी प्राप्त होते रहे हैं जिनसे टीकाकरण कार्यक्रम को चलाने में काफी सहूलियत हुई है ।

पिता की मौत भी नहीं डिगा सकी : देवरिया जिले के सलेमपुर के रहने वाले पवन के पिता की टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान ही जून महीने में मौत हो गयी। उन्हें इस बीच गांव जाना पड़ा। वहां से भी वह टीकाकरण कार्यक्रम को टेलीफोनिक सपोर्ट देते रहे । पवन के एक भाई लखनऊ रहते हैं। गांव में अब माता और पत्नी ही रहती हैं । समर्पित भाव से कार्य रह रहे पवन पंद्रह दिन से एक महीने के बाद ही गांव जा पाते हैं । परिवार से टेलीफोन पर हालचाल लेते रहते हैं । वह कहते हैं कि अब उनके करीबी भी उनके कार्य का नेचर जान चुके हैं, इसलिए लोग इसे सहजता से लेते हैं । इस कार्य से उन्हें आत्मसंतोष मिलता है इसलिए निजी जीवन के साथ समझौते का मलाल नहीं होता ।

प्रोटोकॉल का करें पालन : टीकाकरण कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे पवन कोविड प्रोटोकाल के प्रति काफी सजग हैं। उनका कहना है कि टीकाकरण के बाद भी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जिले में 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगवाना चाहिए और कोविड की रोकथाम में सक्रिय योगदान देना चाहिए। टीके की दोनों डोज लगवाना अनिवार्य है ।