- जनपद में 12 से 25 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान
- सूचना देने और टीबी की पुष्टि पर आशा को मिलेंगे 500 रूपये
लखनऊ - जिले में 12 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत घर-घर बुखार के रोगियों के साथ टीबी के मरीज भी ढूंढे जाएंगे | यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.चौधरी ने दी | उन्होंने बताया- दस्तक अभियान के तहत आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) के मरीजों, बुखार के मरीजों, क्षय रोग के लक्षण वाले मरीजों और कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी | इस दौरान मिलने वाले टीबी के संभावित रोगियों की जांच कराई जाएगी और पुष्टि होने पर इलाज शुरू कराया जाएगा । इससे पहले मार्च में चलाये गए दस्तक अभियान के दौरान भी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर बुखार और टीबी के रोगियों, कुपोषित बच्चों, दिमागी बुखार से दिव्यांग हुए व्यक्तियों और जन्म और मृत्यु पंजीकरण से वंचित लोगों की सूची बनायी थी | अभियान के दौरान टीबी के मरीज की सूचना देने और बीमारी की पुष्टि होने पर आशा कार्यकर्ता को प्रति मरीज 500 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी |
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास किये जा रहे हैं | देश से टीबी को वर्ष 2025 तक हम तभी समाप्त कर पायेंगे जब टीबी के रोगियों को ढूंढकर उनका पूरा इलाज सुनिश्चित करा पायें | उन्होंने बताया- अभी तक हम टीबी रोगियों को एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान के माध्यम से ढूँढ़ते थे जो कि साल में दो बार चलाया जाता है | एसीएफ जिले को 10 फीसद जनसँख्या को ही कवर करता है जबकि दस्तक अभियान के तहत 100 फीसद आबादी कवर होती है | इसलिए लगभग पूरे जिले को कवर करते हुए टीबी के रोगी ढूँढे जायेंगे |
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक रामजी वर्मा ने बताया - दस्तक अभियान में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर लोगों से बुखार सहित टीबी के लक्षणों के बारे में पूछेंगी | संभावित रोगियों की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना एएनएम के माध्यम से ब्लाक तथा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के स्टाफ को देंगी | तत्पश्चात ऐसे लोगों की टीबी की जाँच कराई जाएगी और क्षयरोग चिन्हित होने पर पर उनका निःशुल्क इलाज शुरू किया जायेगा |
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया - जिले में वर्ष 2017 में 13,425, 2018 में 18,853, 2019 में 24,830 और 2020 में 17,321 क्षय रोग के मरीज थे | जनवरी 2021 से अभी तक जिले में क्षय रोग के कुल 8314 मरीज हैं | इन मरीजों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह बैंक खाते में दिए जाते हैं |