मोदी सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की परिभाषा में बदलाव किया है। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार अब खुदरा और थोक व्यापारियों को एमएसएमई का दर्जा देगी। इस फैसले से देश के 2.5 करोड़ खुदरा और थोक व्यापारियों को फायदा होगा। उन्हें इस सेक्टर को मिलने वाला हर लाभ मिलेगा।
अब इसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। खुदरा एवं थोक व्यापार को एमएसएमई के तहत लाने के फैसले के कारण खुदरा और थोक व्यापारियों को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इससे ये क्षेत्र भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बैंकों की प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी के तहत ऋण का लाभ उठा सकेंगे।
उद्योग संगठनों ने भी किया इस कदम का स्वागत : खुदरा एवं व्यापार संघों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि इससे कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित कारोबारियों को पूंजी मिल सकेगी, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि इससे खुदरा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा। आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा, 'इस ऐतिहासिक फैसले का क्षेत्र पर संरचनात्मक असर पड़ेगा। इससे क्षेत्र को बेहतर वित्त विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे जिससे यह संगठित हो सकेगा।'
We are committed to empowering our traders - PM Modi