महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की हुई समीक्षा



  • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित महिला पेंशन, वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, बाल संरक्षण सेवाएं तथा बल सेवा योजना और गृहों के संचालन पर विशेष निर्देश दिए गए।
  • उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारियों/जिला प्रोबेषन अधिकारियों को योजनाओं के सक्रिय क्रियान्वयन हेतु दिए गए टिप्स
  • बालगृहों के जीणोंधार तथा रखरखाव को सुदृढ़ करने के दिये गये निर्देश

लखनऊ - महिला एंव बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह की अध्यक्षता में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक हुई ।बैठक में समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिला पेंशन में अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित करने हेतु अभियान चलाते हुए प्रत्येक 15 दिन में तहसील/ ब्लाक स्तर पर कैम्प लगाकर सभी पात्र लाभार्थियों के आवेदन पत्रों को पूर्ण कराया जाये। मीडिया एवं अन्य माध्यमों से कैम्प लगाने के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाये तथा जनप्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग प्राप्त किया जाये।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की समीक्षा करते हुए सबसे कम प्रगति वाले 10 जनपदों को सचेत करते हुए प्रगति में सुधार हेतु निर्देषित किया गया। बैठक में टॉप 10 जपनदों को कहा गया कि उनके लिये निर्धारित लक्ष्य कम है और अधिक प्रयास किये जाने आवश्यक हैं। साथ ही सबसे खराब प्रदर्शन वाले 10 जनपदों से स्पस्टीकरण की मांग करते हुये उन्हें आगामी एक माह में प्रगति में सुधार हेतु निदेर्शित किया गया।

विभाग ने अवगत कराया कि वन स्टाप सेंटर के भवन निर्माण का कार्य 52 जनपदों में प्रारम्भ हो गया है, जिस पर स्वाति सिंह द्वारा समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देशित  किया गया कि समस्त जनपदों में वन स्टाप सेन्टर के भवन का निर्माण कार्य तीन माह में अनिवार्य रूप से पूर्ण करा दिया जाये। उनके द्वारा 181 महिला हेल्पलाइन योजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि वन स्टाप सेन्टर पर आवासित किये जाने वाले 112-यू0पी0 के पी0आर0वी0 पर महिला कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं यथा-181 महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढाओ आदि की ब्रान्डिंग की जाये।

स्वाति सिंह द्वारा जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिये समाज के सभी वर्गाे यथा-ग्रामप्रधान व अन्य जन प्रतिनिधियों, शिक्षकों, विभिन्न धर्माे के प्रमुख व्यक्तियों व छात्रों के साथ संवाद स्थापित किया जाये। इस हेतु आनलाइन कार्यक्रमों का भी आयोजन कराया जाये। प्रत्येक माह जनपद में इस योजना के अर्न्तगत एक बडा आयोजन कराना सुनिश्चित किया जाये।

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना योजनान्तर्गत कोविड-19 से पीडित ऐसे बालक/बालिका जिनकी माता या पिता की कोरोना से मृत्यु हो गयी है ऐसे पात्र 4484 लार्भािर्थयों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत धनराषि वितरण कराने से अवगत कराया गया, जिस पर स्वाति सिंह द्वारा निर्देश दिये गये कि योजनान्तर्गत प्राप्त लम्बित आवेदन पत्रों का 15 दिन के अन्दर जिला टास्क फोर्स द्वारा अनुमोदित कराकर तत्काल धनराधि लाभार्थियों के खाते में भेजी जाये।

स्वाति सिंह ने निर्देश  दिये कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत जिन लाभार्थियों को लैपटाप दिये जाने हैं उनको विषेष आयोजन करते हुए बंटवाया जाये तथा उक्त कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाये। संपूर्ण प्रदेश में एक-साथ कार्यक्रम करते हुये लैपटाप वितरण का कार्यक्रम निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया।

निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली योजना है। पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत लगाये जाने वाले कैम्पों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के आवेदन पत्र भी भराये जायें। उन्होनें कहा समस्त जनपदीय अधिकारी सक्रिय हो जायें तथा बाल सेवा योजना की तरह अन्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी करें तथा दिये गये लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु समयबद्ध कार्ययोजना पर कार्य करें।

प्रमुख सचिव, महिला एंव बाल विकास विभाग वी हेकाली झिमोमी द्वारा समीक्षा के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारी अपने जनपद में सप्ताह में कम से कम दो  दिन संस्थाओं का निरीक्षण अवष्य करें। उन्होंनें कहा कि संस्थाओं के जीर्णोद्धार तथा रखरखाव हेतु निदेशालय से आवंटित धनराशि का पूर्ण उपयोग करते हुए तत्काल संस्थाओ का सुदृढीकरण करायें तथा साज-सज्जा एंव सफाई आदि की विशेष व्यवस्था की जाये। बच्चों के खेलने व मनोंरंजन के प्रबंध तत्काल सुनिश्चिित किये जायें।

उनके द्वारा यह जोर दिया गया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के प्रचार प्रसार पर अधिक प्रयास करने की आवश्यक्ता है। इसमें जनप्रतिनिधियों यथा सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख आदि का सहयोग लिया जाये। प्रत्येक ग्राम सभा व ब्लॉक के स्तर पर योजना के प्रचार प्रसार तथा आवेदन प्राप्त करने के उद्देश्य से कैम्प लगाया जाये जिसके बारें में समस्त स्तरों पर जनप्रतिनिधियों व मीडिया के माध्यम से पहले ही भरपूर प्रचार प्रसार करते हुये आम जन मानस तक पहुंॅच बढ़ाई जाये। योजनाओं को लोकप्रिय बनाने हेतु प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना आवश्यक है।