लखनऊ, 5 जनवरी 2021 - अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.पी.त्रिपाठी की देख रेख में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) काकोरी में मंगलवार को प्रशिक्षित वैक्सीनेटर्स द्वारा कोविड वैक्सीनेशन का ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) हुआ, जिसमें 50 लाभार्थियों को टीका लगा | पूरी प्रक्रिया ढाई से तीन घंटे में पूरी हुयी | यह जानकारी चिकित्सा अधीक्षक डा० पिनाक त्रिपाठी ने दी | उन्होंने बताया- दिशा निर्देशों के अनुसार सीएचसी पर 2 सत्रों का आयोजन किया गया | प्रत्येक सत्र के लिए एक टीम जिसमें 6 टीकाकरण कर्मी तथा 25 -25 लाभार्थी थे। छह टीकाकरण कर्मी में 1 सुरक्षा कर्मी, 1 वेरीफायर, 1 एएनएम वैक्सीनेटर 1 अतिरिक्त टीकाकर्मी, 1 मोबिलाइजर और 1 कार्यकर्ता सहयोगी के तौर पर थे | आज की यह पूरी प्रक्रिया कोरोना से बचाव के सभी प्रोटोकॉल्स जैसे मॉस्क पहनना, बार-बार 20 सेकेण्ड तक हाथ धोना और 2 गज की शारीरिक दूरी का पालन करते हुए संपादित की गयी | वैक्सीन के गंभीर प्रतिकूल प्रभाव और हल्के प्रतिकूल प्रभाव होने पर लाभार्थियों को किस तरह से इलाज मुहैया कराया जायेगा इसका भी रिहर्सल किया गया |
डा. त्रिपाठी ने बताया – प्रक्रिया में सबसे पहले लाभार्थी का वेरिफिकेशन हुआ जिसमें उसके पहचान पत्रों की जाँच सुरक्षाकर्मी द्वारा की गयी | उसके बाद वेटिंग रूम, में लाभार्थी को वेरिफिकेशन करने के उपरांत बैठाया गया | वैक्सीनेशन रूम में कोविन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया गया और लाभार्थियों को टीका लगाया गया | टीका लगाने के बाद ऑब्जरवेशन रूम में लाभार्थियों को करीब आधे घंटे तक बैठाया गया | जहां पर 30 मिनट के भीतर टीका लगने वाले व्यक्ति पर टीके के प्रतिकूल प्रभाव पर विशेष नजर रखी गयी | इसके लिए एक स्पेशलिस्ट टीम तैनात थी जिसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल रहे, जो एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन(एईएफआई) किट के साथ निगरानी कर रहे थे | टीका लगने के बाद लाभार्थी की 30 मिनट के लिए निगरानी में रखने के बाद घर भेजा गया । आज की पूरी गतिविधि के द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने, आब्जर्वेशन कमरे में लाभार्थी को रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसका इलाज करने का ड्राई रन किया गया |
इस अवसर पर प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशिभूषण, बीसीपीएम प्रद्युम्न कुमार मौर्या और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे |