दिल्ली - देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत 4 अगस्त को ट्रायल के लिए समुद्र में उतरा। इससे पहले जुलाई के आखिर में विक्रांत के बेसिन ट्रायल सफल रहे थे। ऐसे में विक्रांत को 2022 में नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसका नाम आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी। रक्षा मंत्रालय कार्यालय ने ट्वीट कर बताया है कि स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी(पी71)) 'विक्रांत' के समुद्री परीक्षणों की शुरुआत हो चुकी है।
भारतीय नौसेना ने इस मौके को देश के लिए 'गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक' दिन बताया है। नौसेना ने कहा है कि, 'भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिसके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है।'
The commencement of sea trials of Indigenous Aircraft Carrier (IAC(P71)) ‘Vikrant’.
The Indigenous construction of Aircraft Carrier is a shining example in the Nation’s quest for ‘AtmaNirbhar Bharat’ and ‘Make in India Initiative’.
----रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) August 4, 2021