टीबी की रोकथाम के लिए जिला टीबी फोरम की बैठक में हुया गहन मंथन



लखनऊ - मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय सभागार में बुधवार को " टी बी हारेगा, देश जीतेगा" के उद्देश्य के साथ मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पांडेय की अध्यक्षता में जिला टीबी फोरम की बैठक आयोजित हुई । मुख्य विकास अधिकारी ने कहा - विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक टीबी(क्षय रोग) को संसार से समाप्त करने का बीड़ा उठाया है ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का संकल्प लिया है | यह तभी संभव है कि लोग जागरूक हों , हमें समुदाय को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है ताकि वह क्षयरोग के लक्षण दिखने पर स्वयं जांच के लिए आगे आयें |

इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए के चौधरी ने कहा - क्षय रोग उन्मूलन में सबसे महत्वपूर्ण बात है कि समय से क्षयरोग की पहचान की जाए | क्षय रोग के मुख्य पांच लक्षण हैं दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना, बुखार आना, वजन में लगातार कमी आना, रात में पसीना आना और भूख न लगना | यदि इन लक्षणों को समय से पहचान लें तो नियमित इलाज से  यह रोग पूर्णतया ठीक हो सकता है | क्षय रोग बाल और नाखून को छोड़कर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है | कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी हमने ऐसे रोगी जो दूसरे जिलों /प्रदेशों के थे उनके यहाँ से संपर्क  कर उन्हें दवाएं उनके घर पर मुहैया करायीं | जनपद में 12 जुलाई से चले दस्तक अभियान में भी आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर टीबी के रोगियों की पहचान की गयी | इस   दौरान क्षय रोग के संभावित लक्षण वाले 190 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 30 मरीजों में क्षय रोग की पुष्टि हुयी | जिले में सभी शहरी 13 बड़े अस्पतालों और सभी ग्रामीण ब्लॉक्स सहित 28 टीबी यूनिट हैं जहां  टीबी की जाँच व इलाज निःशुल्क उपलब्ध है | साथ ही 51  शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ड़ेसिग्नेटेड मेडिकल सेंटर(डीएमटी)  हैं जहाँ बलगम की जाँच की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है | माननीय राज्यपाल महोदय के आह्वाहन पर अभी तक 18 वर्ष की आयु तक के क्षयरोग से पीड़ित बच्चों को विभिन्न  विश्विद्यालयों, मेडिकल कॉलेज , गैर सरकारी संगठनों तथा कार्यक्रम के कर्मचारी द्वारा गोद लिया जा चुका है जो उनके इलाज , पोषण से लेकर पढ़ाई के संसाधन मुहैय्या करा रहे हैं |   

डा. चौधरी ने बताया- समय से दवाएं ली जाएँ, दवाओं का पूरा कोर्स किया जाए तथा उचित पोषण लिया जाये  तो टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है | यह मायकोबैक्टीरियम ट्युबरकुलोसिस बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है | ऐसे लोग जिन्हें लम्बे समय तक खांसी रहती है, एचआईवी के मरीज, मधुमेह के मरीज, ऐसे लोग जिन्होंने लम्बे समय तक स्टीरोयाड्स का सेवन किया है, ऐसे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण टीबी होने की सम्भावना अधिक होती है | टीबी रोग को समाप्त करने में सबसे महत्वपूर्ण है टीबी के रोगियों का नोटिफिकेशन | इसके लिए अब सरकार द्वारा सरकारी और निजी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों का नोटिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है साथ ही निजी चिकित्सकों को टीबी रोगियों की सूचना देने पर 500 रूपये की प्रोत्साहन राशि तथा, यदि टीबी से ग्रसित मरीज अपना इलाज पूरा कराता है तो 500 रूपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है | इस क्रम में सभी चिकित्सकों द्वारा टीबी रोगियों की सूचना देनी चाहिए | साथ ही निश्चय योजना के तहत , पोषण के लिए सरकार द्वारा 500 रूपये की धनराशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जाती है |

इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.आर.वी.सिंह, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पल्मोनरी विभाग के डा. अजय वर्मा, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम  (एनटीईपी) के पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक  रामजी वर्मा, क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक दिलशाद हुसैन, फहीम अहमद, मनोज यादव, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डा.अर्पणा सेन चौधरी, जीत संस्था से  सुनील नायर  व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे |इस मौके पर टीबी रोगों को मात दे चुके टीबी चैम्पियंस ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस तरह से उन्होंने दवाओं का पूरा कोर्स कर और उचित पोषण के सेवन से इस रोग को मात दी |उन्होंने  सरकार द्वारा दी जा रही क्षय रोग से समबन्धित सुविधाओं पर संतुष्टि जाहिर की |