- महर्षि दयानन्द सरस्वती विलक्षण व्यक्तित्व एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे - नवनीत निगम
लखनऊ 14 फरवरी 2021 - जिला आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ के तत्वाधान में आर्य समाज चन्द्र नगर, आलमबाग में महर्षि दयानन्द सरस्वती के 197 वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधान नवनीत निगम, मंत्री प्रबोध सागर जौहरी व आचार्य सन्तोष वेदालंकार आदि विद्वानों के साथ - साथ अनेक गणमान्य व्यक्तियों , महिलाओं युवा छात्र - छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अग्निहोत्र साथ हुआ । वक्ताओं ने महर्षि दयानन्द के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने देश में फैले अन्धविश्वास , पाखण्ड , रूढ़िवादिता व कुरीतियों पर कुठाराघात करते हुए वेदों की ओर लौटने का संदेश दिया । वह 19 वीं शताब्दी के सर्वप्रथम ऐसे महामानव थे जिन्होनें वेदों के आधार पर समाज में नारियों को पढ़ने का अधिकार दिलाया । उन्होने बाल विवाह के विरुद्ध एवं विधवा विवाह के समर्थन में संघर्ष करने के साथ शुद्धि आन्दोलन की शुरुआत जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये । उनके जीवन दर्शन एवं ग्रन्थों के अध्ययन से ज्ञात होता है कि वह स्वतंत्रता आन्दोलन के अग्रणी प्रणेता और क्रांतिकारी सेनानायक थे । महर्षि दयानन्द सरस्वती केवल एक विद्वान समाज सुधारक संन्यासी ही नहीं थे बल्कि कर्मठ, योगी, ब्रह्मचारी, ओजस्वी वक्ता, सशक्त लेखक, साहसी देशभक्त इत्यादि होने के साथ ही त्यागी, संयमी और दयालु भी थे उनके संदेश आज भी प्रासंगिक है । हम सभी को उनका अनुकरण - अनुसरण करना चाहिए । कार्यक्रम में श्री राधे मोहन जी के सुमधुर भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।