सही समय पर दस्त प्रबंधन है बेहद जरूरी : डा. पियाली



लखनऊ - दूषित पेयजल व् भोजन , स्वच्छता का अभाव आदि दस्त रोग का मुख्य कारण हैं | दस्त रोग बाल्यावस्था में मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर  है | इसका उपचार मौखिक निर्जलीकरण घोल (ओआरएस) एवं जिंक की गोली से किया जा सकता है एवं बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है | दस्त से शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है | ओआरएस इस कमी को दूर करता है | यह कहना है संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य का |

डा. पियाली बताती हैं कि बच्चा  यदि सघन दस्त की जद में आ जाए तो कोई  भी कोताही न बरतें क्योंकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में 10 फीसद मृत्यु दस्त के कारण होती है जो कि देश में लगभग 1.2 लाख बच्चों की दस्त के कारण मृत्यु का कारण बनती  है | दस्त रोग बाल्यावस्था में मृत्यु के प्रमुख कारणों में दूसरे स्थान पर  है | इसका उपचार मौखिक निर्जलीकरण घोल (ओआरएस) एवं जिंक की गोली से किया जा सकता है एवं बाल मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है | इस बात का विशेष ध्यान दें कि दस्त के दौरान माँ का दूध और भोजन देना जारी रखें |

डा. पियाली के अनुसार - ओआरएस के पैकेट को एक लीटर साफ़ पानी में घोलकर बनाना चाहिए | पानी को पहले उबाल लें | दस्त शुरू होते ही और हर दस्त के बाद ओआरएस दें | दो माह से कम आयु के बच्चे को पांच चम्मच ओआरएस का घोल हर दस्त के बाद, दो माह से दो साल तक के बच्चे को एक चौथाई से आधा कप ओआरएस प्रत्येक  दस्त के बाद और 2 से पांच साल तक के बच्चे को आधा कप से एक कप ओआरएस हर दस्त के बाद दें | इसके साथ ही 6 माह से कम आयु के बच्चे को 10 मिग्रा जिंक की गोली साफ़ पानी या माँ के दूध में घोल कर दें और उसके ऊपर की आयु  के बच्चों को 20 मिग्रा जिंक की गोली साफ पानी या माँ के दूध में घोलकर दें | जिंक की गोली बच्चे को 14 दिनों तक दें |

बच्चे क्या वयस्कों को भी खान-पान और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | घर का बना हुआ अच्छे से पका भोजन का सेवन करें |बाहर के खाने और बासी भोजन के सेवन से बचें | दस्त के दौरान ओआरएस का सेवन करें | नियमित भोजन करें |

जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम ) विष्णु प्रताप बताते हैं - दस्त का सर्वोत्तम उपचार ओआरएस का घोल व  जिंक की गोली है | दस्त लगने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र से जाकर ओआरएस के घोल का पैकेट लाकर बच्चे को पिलायें और जिंक की गोली दें | यह सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है |अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क कर ओआरएस का पैकेट ले सकते हैं | इसके साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान दें |खाना बनाने व  खाने से पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से जरूर धुलें  |