नई दिल्ली (वेब टीम) - मंदिर की संपत्ति को लेकर हमेशा विवाद बना रहता है । मंदिर पुजारी और प्रबंधन के लोग मंदिर संपत्ति पर अपने-अपने दावें ठोकते रहते हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मंदिर संपत्ति पर सिर्फ मंदिर के देवता का ही मालिकाना हक रहेगा। पुजारी और प्रबंधन समिति के लोग सिर्फ सेवक ही रहेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि भू राजस्व रेकॉर्ड से पुजारियों के नाम हटाए जाएं।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बैंच ने कहा कि पुजारी केवल देवता की संपत्ति के मैनेजमेंट करने की एक गारंटी है और अगर पुजारी अपने काम करने में, जैसे प्रार्थना करने और जमीन का प्रबंधन करने संबंधी काम में नाकामयाब रहे तो इसे बदला भी जा सकता है। इस तरह उन्हें जमीन का मालिक नहीं माना जा सकता।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना पर अपनी मुहर लगा दी जिसमें कहा गया था कि मंदिर की जमीन का मालिक उस मंदिर का पुजारी नहीं हो सकता।