सुपोषित समाज बनाने को हो रहे हरसंभव प्रयास



  • पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा सितम्बर

लखनऊ - बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से इस माह को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है | पोषण माह का विधिवत शुभारम्भ मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया | पोषण माह के तहत विविध कार्यक्रम आयोजित कर जागरूकता लाने के प्रयास किये जा रहे हैं |

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) अखिलेन्द्र दुबे  ने बताया- अनौपचारिक रूप से एक सितम्बर  से पोषण माह के तहत विभिन्न गतिविधियाँ जनपद के लगभग सभी 2746 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुरू हो गयी थीं | इस साल पोषण माह “कुपोषण छोड़, पोषण की ओर , थामें क्षेत्रीय भोजन की डोर” टैगलाइन  और  चार थीम के साथ मनाया जा रहा है | इसी टैगलाइन को ध्यान में रखते हुए पहले सप्ताह में  सरकारी स्कूलों, आवासीय स्कूलों , आंगनबाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायतों की अतिरिक्त भूमि पर पोषण वाटिका की स्थापना के लिए विशेष पौधारोपण अभियान चलाया गया |  इसके तहत लोगों  को न्यूट्री गार्डन के लाभ के बारे में जागरूक किया गया | इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर समुदाय को स्थानीय फलों व सब्जियों के बारे में जानकारी दे रही हैं |

जिला कार्यक्रम अधिकारी  ने बताया-  दूसरे सप्ताह  में बच्चों, किशोरी बालिकाओं तथा गर्भवती  को केन्द्रित करते हुए योग सत्रों का आयोजन किया जा रहा है  | इस सप्ताह किशोरियों एवं गर्भवती के लिए वजन सप्ताह के  आयोजन होंगे | वाश डे का आयोजन कर साफ़-सफाई एवं स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जायेगा | गृह आधारित गोद भराई का आयोजन किया जाएगा | ग्राम प्रधान के सहयोग से आंगनबाड़ी स्वच्छता केंद्र का आयोजन किया जायेगा | जिले , ब्लाक एवं ग्राम स्तर पर रेसिपी प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा |

तीसरे सप्ताह में पोषण सम्बन्धी प्रचार सामग्री का प्रदर्शन एवम अनुपूरक पोषाहार का वितरण किया जाएगा | इस सप्ताह गाँव में तीन दिवसीय पोषण उत्सव का आयोजन किया जाएगा ,  जिसके तहत अनुपूरक पोषण तश्तरी का प्रदर्शन, पोषण रंगोली बनाते हुए भोजन की विविधता पर समुदाय के समक्ष चर्चा तथा प्रदर्शन किया जायेगा | ग्राम प्रधान के सहयोग से पोषण पंचायत का आयोजन किया जायेगा जिसमें स्थानीय खाद्य उत्पादों को प्रोत्साहित किया जायेगा | माह के अंतिम और चौथे सप्ताह में अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन के लिए अभियान चलाया जायेगा |

श्री दुबे ने बताया- पोषण माह के दौरान निम्न दो गतिविधियों पर विशेष बल दिया गया है  -  वृक्षारोपण और अति कुपोषित (सैम)  बच्चों का चिन्हांकन एवं अनुश्रवण |  वृक्षारोपण पर इसलिए जोर है क्योंकि फल और सब्जियां सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इन पोषक तत्वों को नियमित  आहार में सम्मिलित करना स्वास्थ्य  के लिए अच्छा होता है | सितम्बर माह सब्जियों एवं फलों के रोपण के लिए उचित समय होता है, इसलिए “पोषण के लिए पौधे” अभियान पोषण वाटिका के विकास के लिए गाँव में प्रोत्साहित किये जा  रहे हैं  |

अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन एवं अनुश्रवण पर इसलिए जोर दिया जा रहा है क्योंकि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त रोग एवं मृत्यु दर कुपोषण का एक प्रमुख कारण है | सैम बच्चों का शीघ्र  चिन्हांकन एवं संदर्भन कुपोषण की जटिलताओं को कम करता है | इसलिए पोषण माह का एक उद्देश्य सैम बच्चों का शीघ्र चिन्हांकन एवं संदर्भन है | जिसे एक अभियान के रूप में चलाया जाना है |

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया- बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग  सहित हॉर्टिकल्चर , बेसिक  शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा  ग्राम्य विकास , उद्यान एवम खाद्य प्रसंस्करण , पंचायती राज विभाग एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के पारस्परिक समन्वय से यह अभियान चलाया जा रहा है |

श्री दुबे ने बताया- पोषण अभियान की सभी गतिविधियाँ कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित की जा रही हैं  |