लखनऊ, 17 मई-2021 । कोरोना के इस दौर में एक - दूसरे की मदद को कई संस्थाएं और बड़ी संख्या में लोग खुद से आगे आये हैं । इसी क्रम में लखनऊ में पिछले चार वर्षों से लोगों की मदद में तत्पर रहने वाली धन्वन्तरि सेवा संस्थान ने कोरोना पाजिटिव मरीजों को नि:शुल्क दवा वितरण का कार्यक्रम शुरू किया है । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व आईएमए-एमएस के वाइस चेयरमैन डॉ. सूर्य कान्त के निर्देशन में बाकायदा उपयोगी दवाओं की किट तैयार की गयी है ।
डॉ. सूर्य कान्त का कहना है कि राजधानी के करीब के गाँवों और मलिन बस्तियों में इन दवाओं के नि:शुल्क वितरण का निर्णय संस्था द्वारा लिया गया है । राजधानी के ऐशबाग, राजाजीपुरम, आशियाना व गोमतीनगर विस्तार के अंतर्गत आने वाले गाँवों और मलिन बस्तियों में दवाओं के वितरण के लिए केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ से इन दवाओं का वितरण होगा । डॉ. सूर्य कांत का कहना है कि कोरोना के मिलते-जुलते लक्षण नजर आते ही जांच कराएँ और पाजिटिव आते हैं तो इन दवाओं का सेवन शुरू कर दें तो कोरोना गंभीर रूप ले ही नहीं सकता है बशर्ते इसके साथ कोविड के सारे प्रोटोकाल का पालन भी किया जाए । इसके साथ ही डॉक्टर से परामर्श के लिए धन्वन्तरि चिकित्सा संवाद लखनऊ द्वारा हेल्पलाइन नंबर –7311144450, 7311144451, 7311144452 जारी किए गए हैं । हेल्पलाइन नंबर पर काल करने का समय सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक है ।
कोविड मेडिसिन किट तैयार करने में संजय सक्सेना, ताराकान्त संगवानी, पंकज मौर्या, शिखा सिंह, अनिल यादव, रामकुमार गुप्ता, राजेश कुमार का अमूल्य योगदान रहा । धन्वन्तरि कोविड मेडिसिन किट वितरण अभियान मुख्य अतिथि डॉ. निधी त्रिपाठी, यू•के• (इंग्लैण्ड), निशी पाण्डेय-प्रोफेसर, लखनऊ यूनीवर्सिटी, संस्था के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत (रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष, केजीएमयू), संस्थान के सचिव डॉक्टर नीरज मिश्र, चिकित्सा अधीक्षक (दंत संकाय,केजीएमयू), के.जी.एम.यू. इकाई के अध्यक्ष डॉ. एस एन शंखवार, (सीएमएस, के.जी.एम.यू.), धन्वन्तरि औषधि वितरण केंद्र के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. विनय मिश्र, कमल खन्ना, रवीन्द्र सिंह गंगवार, (सहसचिव, धन्वन्तरि सेवा संस्थान) संस्था संचालक अवधेश नारायण ,कुश , तृप्ति (राइट वाक संस्था) की उपस्थिति में संपन्न हुआ । संस्थान के संतोष पटेल, रामबाबू, भारती सिंह, रामसिंह सहित अन्य कार्यकर्ता भी मौजूद रहे ।