लखनऊ - नए भारत में सिर्फ आर्थिक उन्नति, इनोवेटिव सोच और युवा सपनों को पंख देने का काम ही नहीं हो रहा, बल्कि यह आने वाले समय में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को सबसे बेहतरीन और आधुनिक स्वरूप देने के कालखंड के रूप में भी याद किया जाएगा। इसी बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का उदाहरण बनने जा रहा है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे। 98,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा 1380 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे देश में सबसे लंबा होगा। इस एक्सप्रेस-वे को भारतमाला परियोजना के पहले चरण के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है। 6 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी 130 किमी कम हो जाएगी। एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर बनाने का भी योजना है। इससे नए रोजगार सृजन के रास्ते भी खुलेंगे।
एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद ईंधन की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी। CO2 उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी, जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद होगा। हाइवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम होगा। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है। यह एशिया का पहला ऐसा हाइवे हैं जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी जाएगी।
*Source - New India Samachar