बीमारियों से बचने के लिए साफ सफाई और खान-पान पर दें ध्यान



बाराबंकी - स्थानीय जनपद में बदलते मौसम में बुखार, खांसी, सर्दी जुकाम व डेगूं जैसे अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। इसलिए इस मौसम में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामजी वर्मा ने का कहना है कि बदलते मौसम में खानपान और साफ सफाई पर विशेष ध्यान देकर बीमारियों से बचा जा सकता है।
 
सीएमओ ने बताया कि मौसम बदलते ही जनपद के कुछ गांवों में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। ऐसे गांव में निगरानी समिति भी निरीक्षण कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि अभी त्योहारों का मौसम है, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें ,मास्क का प्रयोग करें और हाथ निरंतर धोते रहें क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है।
 
एसीएमओ एवं संचारी रोग कार्यक्रम के नोडल डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि स्क्रब टाइफस के सभी मरीज स्वस्थ हो गए हैं और अभी तक किसी अन्य मरीज को इस वायरस से संबंधित बुखार की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन सतर्कता की आवश्यकता है। इसीलिए घर के आसपास जलभराव न होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरी बांह के कपड़े पहनें और घर के अंदर जानवरों को न रखें।
 
डीएमओ अविनाश कुमार ने जनसमुदाय से अपील की है कि मच्छरों से बचने के लिए अपने आस पास साफ-सफाई रखे, तथा जलभराव वली जगह पर बेहद सावधानी बरते जैसे पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार होने पर निकट के स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच एवं उपचार कराएँ । सभी सरकारी स्वाथ्य सुविधाओं पर जांच एवं उपचार की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है । इसलिए स्वयं से कोई दवा लेकर न सेवन करें।
 
डेगू के लक्षण व बचाव - डेगू बीमारी की शुरूआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है, आंखे लाल हो जाती है। डेगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नार्मल होने लगता है। बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकठ्ठा न होने दे।
 
मलेरिया के लक्षण व बचाव - तेज बुखार से ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेटीग्रेड से उपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे। नीम के पत्ती का धुंआ करे। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाने का कार्य करे। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं ।