त्योहारों पर निगरानी समितियों को किया गया सक्रिय



  • ग्राम प्रधान,आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं,ग्राम रोजगार सेवक,सफाई कर्मचारियों को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
  • कोरोना के साथ ही टीकाकरण के प्रति लोगों को करें जागरूक

लखनऊ - त्योहारों पर  लोगों को कोविड से  बचाव के प्रति  जागरूक करने एवं कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से बुधवार को काकोरी के खंड विकास अधिकारी कार्यालय में निगरानी समिति के सदस्यों  ग्राम प्रधान,आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम रोजगार सेवक,सफाई कर्मचारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया | इस मौके पर खण्ड विकास अधिकारी विनायक सिंह ने कहा- निगरानी समितियों ने अभी तक अपने दायित्व  का निर्वहन बड़ी कुशलता से किया है | कोविड के मरीजों की  पहचान करने  से लेकर इलाज मुहैया कराने और लोगों को कोविड से बचाव के बारे में जागरूक करने में निगरानी समितियों ने अहम भूमिका निभाई है | अब एक और दायित्व सौंपा  जा रहा है कि लोगों को बताएं कि त्योहारों पर खुशियों के बीच कोविड को न भूलें क्योंकि वह अभी ख़त्म नहीं हुआ है | थोड़ी सी चूक गंभीर परिणाम सामने ला  सकती है |

स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशि भूषण ने कहा - लोगों को  कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए प्रेरित करें | लोगों को बताएं कि बच्चों व बुजुर्गों को जहां तक संभव हो घर से बाहर न जाने दें |  नाक और मुंह को मास्क से सही तरीके से ढककर रखें  |  बाजार में भी मास्क न उतारें और न ही किसी भी  सामान को बेवजह न छुयेँ | लोगों से दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखें | घर लौटने  पर सबसे पहले कपड़े बदलें और सभी चीजों को विसंक्रमित करें | वापस  आने के तुरंत बाद परिवार में बुजुर्गों और गर्भवती के संपर्क में आने से बचें | इसके साथ ही अपने क्षेत्र में खांसी, बुखार  के साथ रक्तस्राव या त्वचा पर चकत्ते पड़ने,  उल्टी - दस्त, स्वाद और खुशबू की संवेदना का चले  जाना , बुखार के साथ दस्त  के मरीजों की सूचना तत्काल सीएचसी पर उपलब्ध कराएं | इसके साथ ही लोगों को इस बात के लिए जागरूक करें कि बुखार आने पर पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और इलाज कराएं न  कि खुद से  कोई इलाज करें |  इसके साथ ही यदि मरीज को कई  दिनों तक 101 डिग्री से अधिक का बुखार आ रहा है, रोगी में मानसिक भ्रम की स्थिति है, सांस फूल रही है या सांस लेने में परेशानी हो रही है और पल्स ऑक्सीमीटर से नापने पर ऑक्सीजन का स्तर 94  से कम  है तो तुरंत ही सीएचसी या पास के स्वास्थ्य केंद्र पर इसकी सूचना दें |  इसके अलावा मरीज के परिवार के सदस्यों को भी बताएं कि इस दौरान मरीज को अलग कमरे में रखना है और  अलग शौचालय का प्रयोग करना है | त्रिस्तरीय मास्क का उपयोग करना है और  दिन में कई बार साबुन और पानी से हाथ धोना है | शरीर में  पानी की कमी न होने दें | दिन में तीन  से चार  लीटर पानी पियें  , भाप लें और गले में  दर्द होने  पर गरम पानी से गरारा करें |

इसके अलावा परिवार के सदस्य भी घर पर ही क्वेरेंटाइन रहें, घर से बाहर न निकलें, त्रिस्तरीय मास्क का उपयोग करें, रोगी  से अलग रहें, सभी सदस्य कोविड की जांच कराएं और अपने स्वास्थ्य की निगरानी करें तथा घर की सामान्यतया छूई  जाने वाली  सतहों जैसी मेज, कुर्सी , स्विच कुंडी और फर्श आदि को पांच  फीसद सोडियम हाइपोक्लोराइड  घोल से साफ करते रहें |

ब्लॉक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक प्रद्युम्न कुमार मौर्य (बीसीपीम) ने बताया- आप लोगों को समुदाय में लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित करना है | जिन्होंने कोविड टीके की दूसरी डोज नहीं लगवाई है उन्हें और साथ ही में जिन्होंने कोविड की दोनों ही डोज नहीं लगवाई है सभी को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करना है | कोविड की दूसरी डोज लगवानी बहुत जरूरी है | कोविड से बचाव के लिए टीका ही एकमात्र हथियार है | टीका लगने के बाद या तो कोरोना होता नहीं है यदि हो भी जाता है तो यह बहुत घातक  नहीं होता है | अभी बच्चों को  टीका नहीं लगा  है, ऐसे में अगर परिवार के 18 वर्ष से ऊपर के सदस्य टीका लगवाएंगे तो बच्चे भी सुरक्षित रहेंगे | ऐसे में कोविड का टीका लगवाकर खुद भी सुरक्षित रहें और अपने पड़ोस और समुदाय को सुरक्षित रखें |

इसके अतिरिक्त बीसीपीम ने जीका वायरस के संक्रमण के बारे में बताया- जीका वायरस  एक मच्छरजनित  रोग है। जीका वायरस जीनस फ्लेविवायस तथा फैमिली फ्लेविविरिडी के अन्तर्गत आता है। इस समय  प्रदेश के कुछ  जिलों में जीका वायरस के कुछ रोगी प्रकाश में आये है। इसे देखते हुए जीका वायरस से बचाव के लिए  सतर्कता बेहद आवश्यक है । ऐसी रोगियों की पहचान करनी है जो दो सप्ताह पहले किसी ऐसे देश की यात्रा की हो जहॉ जीका रोग का प्रसार होने के साथ, मरीज को बुखार एवं शरीर पर दाने (चकत्ते), बुखार या निम्न में से कोई लक्षण- जोड़ो या मांसपेशियों में दर्द, ऑखे लाल होना | सिर में दर्द व भारीपन महसूस करना। ऐसे रोगियों की जानकारी मिलते ही सीएचसी पर सूचित करें | इससे बचाव के लिए लोगों को साफ-सफाई करने हेतु प्रेरित करें | इस मौके पर कुल 200 प्रतिभागी उपस्थित थे |