लखनऊ (डेस्क) - समाज के पिछड़े वर्गों को नए मौके उपलब्ध कराने और देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में उनका योगदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण के साथ संसद में कानून बनाकर राज्यों को ओबीसी की अपनी सूची बनाने का अधिकार दिया गया है। अब देश भर में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए 75 विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआइ) केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
ये केंद्र न केवल वैज्ञानिक प्रतिभाओं को बढ़ावा देंगे बल्कि इन समुदायों के सामाजिक आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे। विज्ञान एवं तकनीक विभाग (डीएसटी) पिछले दो वर्षों में, 20 एसटीआइ हब (एससी के लिए 13 और एसटी के लिए 7) स्थापित कर चुका है। हर केंद्र विभिन्न क्षेत्रों में 20,000 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी को सीधे लाभान्वित करेगा।
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