जिले के शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के बेहतर काम को मिला ‘कायाकल्प’ का इनाम



  • वर्ष 2020-21 में शाहपुर केंद्र तो वर्ष 2019-20 में बसंतपुर केंद्र  जिले में अव्वल
  • प्रथम स्थान मिलने पर मिलेगा दो लाख रुपये का पुरस्कार
  • शहरी स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में सबसे ज्यादा पुरस्कार गोरखपुर जिले को

गोरखपुर - कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत वर्ष 2020-21 और वर्ष 2019-20 के पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है । वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले की शाहपुर अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेंटर (यूपीएचसी) यानि शहरी स्वास्थ्य केंद्र को जिले में पहला स्थान मिला है, जबकि वर्ष 2019-20 में यह स्थान बसंतपुर यूपीएचसी को प्राप्त हुआ  । प्रथम स्थान हासिल करने वाले इन दोनों केंद्रों को दो-दो  लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली सभी इकाइयों को बधाई दी है । यूपीएचसी श्रेणी में सबसे ज्यादा पुरस्कार गोरखपुर जिले को मिले हैं ।

डॉ. पांडेय ने बताया कि वर्ष 2020-21 में जिले की आठ यूपीएचसी ने कायाकल्प अवार्ड जीता है । बिछिया यूपीएचसी जिले में फर्स्ट रनर अप रही है, जिसे डेढ़  लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा । इसके अलावा  दीवान बाजार, बसंतपुर, गोरखनाथ, जाफरा बाजार, शिवपुर सहबाजगंज और इलाहीबाग यूपीएचसी ने भी 70 फीसदी से अधिक अंक हासिल कर यह अवार्ड जीता है और इन सभी को 50 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप मिलेंगे |

सीएमओ ने बताया कि वर्ष 2019-20 जिले की छह यूपीएचसी ने कायाकल्प पुरस्कार जीता है । दीवान बाजार यूपीएचसी फर्स्ट रनर अप रही जिसे डेढ़  लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा। इसके अलावा गोरखनाथ, जाफरा बाजार, शिवपुर सहबाजगंज और बिछिया यूपीएचसी ने भी कायाकल्प अवार्ड जीता है और उन्हें 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी ।

टीम भावना से संभव हो पाया : कायाकल्प अवार्ड योजना के नोडल अधिकारी डॉ. नंद कुमार ने कहा कि यूपीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, वहां की टीम, जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई और जिला क्वालिटी एश्योरेंस सेल के सम्मिलित प्रयासों से यह सफलता हासिल हुई है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा-निर्देश पर टीम भावना से कार्य हुआ है और इसे आगे भी जारी रखा जाएगा । जिले को सर्वाधिक पुरस्कार मिलने से सभी का आत्मबल बढ़ा है ।

ऐसे होगा पुरस्कार राशि का प्रयोग : जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. मुस्तफा खान ने बताया कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक 75 फीसदी पुरस्कार राशि का प्रयोग गैप क्लोजर, सुदृढ़ीकरण, रखरखाव और स्वच्छता व्यवस्था आदि में किए जाने का प्रावधान है, जबकि 25 फीसदी धनराशि से कर्मचारी कल्याण के कार्य होते हैं ।

इन आधारों पर होता है मूल्यांकन

•    अस्पताल का रखरखाव
•    स्वच्छता व साफ-सफाई
•    बायोमेडिकल बेस्ट मैनेजमेंट
•    इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेज
•    हाईजीन प्रमोशन