पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को 11 दिसंबर तक बढ़ाया गया



पहले 22 नवम्बर से चार दिसंबर तक की मियाद तय थी

लखनऊ - जनपद में 22 नवम्बर  से चार  दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाना था, जिसे अब 11 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है | यह जानकारी परिवार कल्याण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी व  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अभिलाषा मिश्रा ने दी |

नोडल अधिकारी ने बताया -  पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के तहत अभी तक जनपद में  13 पुरुष नसबंदी हुई हैं | इस पखवाड़े के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ता जहां पुरुष नसबंदी सहित महिला नसबंदी और परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के बारे में लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं वहीं नियत सेवा दिवस के माध्यम से पुरुष और महिला नसबंदी की सेवा नि:शुल्क दी  जा रही है |

डा. अभिलाषा ने बताया - वह सभी पुरुष नसबंदी करवा सकते हैं जो 60 वर्ष से कम आयु के हैं और जिनका कम से कम एक साल का बच्चा हो, बच्चा लड़का या लड़की कोई भी हो सकता है तथा जिनका परिवार पूरा हो गया हो | पुरुष नसबंदी बिना चीरा टांका वाली एक आसान प्रक्रिया है जिसमें  शुक्राणुनालिका बंद कर दी जाती है जिससे शुक्राणु वीर्य में नहीं मिल पाते और महिला को गर्भ नहीं ठहरता |

पुरुष नसबंदी को लेकर अनेक भ्रांतियाँ हैं जिसकी वजह से लोग इस साधन को अपनाने में झिझकते हैं. इन भ्रांतियों के साथ-साथ वास्तविकताओं के बारे में भी जानना आवश्यक है |

पुरुष नसबंदी में केवल पुरुष की शुक्रवाहिनी नलिका को काट कर बांध दिया जाता है, निकाला नहीं जाता है | यह विधि पुरुषों की यौन क्षमताओं को प्रभावित नहीं करती है | व्यक्ति वैवाहिक सुख का पूरा आनंद लेता है | नसबंदी से पुरुषों में कोई कमजोरी नहीं आती है | यह तीन  माह बाद ही प्रभावशाली होती है उससे पहले नहीं क्योंकि शुक्रवाहिनी नलिका में पहले से मौजूद शुक्राणु को वीर्य के साथ बाहर आने में कम से कम तीन माह का समय लगता है | लोगों में यह भ्रांति है कि पुरुष  नसबंदी केवल जाड़े में करवानी चाहिए, किसी और मौसम में करवाने से संक्रामण का खतरा रहता है जबकि ऐसा नहीं है | नसबंदी आप किसी भी मौसम में करवा सकते हैं | इसका मौसम से कोई संबंध नहीं होता है |

पुरुष नसबंदी करवाने पर लाभार्थी को 2000 रुपये और लाभार्थी को प्रेरित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है | डा. अभिलाषा ने बताया – जिले में अप्रैल 2021 से 20 नवंबर 2021 तक कुल 212  पुरुषों और 1819  महिलाओं ने  नसबंदी करवाई है, जिसमें सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर 133 पुरुषों ने  और 1367 महिलाओं ने जबकि हौसला साझेदारी के तहत निजी अस्पतालों में 79 पुरुषों ने और 452  महिलाओं ने नसबंदी कराई है |