नुक्कड़ नाटक के जरिये समझाई फाइलेरिया की गंभीरता



  • बचाव के लिए साल में एक बार दवा सेवन का दिया सन्देश
  • स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का आयोजन

लखनऊ - नुक्कड़ नाटक के जरिये फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर सेवन करने के बारे में समुदाय को जागरूक किया गया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर) के सहयोग से आकार फाउंडेशन के कलाकारों ने सोमवार को शहरी मलिन बस्ती कंघी टोला, हाता सितारा बेगम और हाता रानी कटरा में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से फाइलेरिया की गंभीरता के बारे में बताया। इससे बचाव के लिए साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान दवा जरूर खाने का अनोखे अंदाज में सन्देश दिया।

नुक्कड़ नाटक के कलाकारों ने लोगों को बताया कि फाइलेरिया बीमारी मच्छर के काटने से होती है। यह आनुवंशिक नहीं है और पुरुष व महिला किसी को भी हो सकती है। इसका कोई इलाज नहीं है। फाइलेरिया बीमारी को हाथी पाँव भी कहा जाता है। यह हाथ और पैर, पुरुषों के अंडकोष, महिलाओं के स्तनों और जननांगों को प्रभावित करती है |  फाइलेरिया रोधी दवा  सेवन मेंही इससे बचाव है।

नुक्कड़ नाटक देखने के बाद दवा का सेवन करने वाले हाता सितारा बेगम  निवासी मोहर्रम अली ने कहा कि फाइलेरिया के बारे में जानकारी नहीं थी । नाटक देखने के बाद पता चला कि  जानकारी के अभाव में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब सरकार बीमारी से बचाव के लिए घर पर दवा खिला रही है तो हम क्यों न खाएं, इसलिए हमने दवा का सेवन किया।

एएनएम रेनू ने बताया कि नुक्कड़ नाटक का मंचन प्रभावी रहा । नुक्कड़ नाटक देखने के बाद हाता सितारा बेगम में  तुरंत ही सात लोगों ने, दो लोगों ने हाता रानी कटरा और एक ने कंघी टोला में  फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। तीनों शहरी मलिन बस्तियों के लगभग 250 लोगों ने नुक्कड़ नाटक को देखा। नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान क्षेत्र की  एएनएम और आशा कार्यकर्ता फाइलेरिया रोधी दवा लेकर मौजूद थीं उन्होंने स्वयं लोगों को दवा का सेवन कराया।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल  (आईडीए) दवा खिलाने का अभियान 10 फरवरी से शुरू हुआ था जो सात मार्च तक चलेगा। सभी से अपील है कि आशा कार्यकर्ता या स्वास्थ्य  कर्मी दवा खिलाने आयें तो दवा का सेवन जरूर करें। आईडीए अभियान के तहत लगातार दो साल तक साल में एक बार फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। यदि किसी कारणवश दवा खाने से वंचित रह गए हैं तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर दवा का सेवन करें।
 
इसी क्रम में बक्शी का तालाब ब्लॉक के तीन प्राथमिक विद्यालय बेलवा, इंदौरा बाग प्रथम और द्वितीय के कुल 285 विद्यार्थियों और स्कूल के स्टाफ ने फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन किया। इस दौरान आशा कार्यकर्ता बृजरानी का फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य उमेश और सियाराम ने दवा खिलाने में सहयोग किया। इस दौरान प्रधानाध्यापक कुसुम अजीत, सुमन, लता विनीता कुमारी, सन्ध्याक कश्यप, नीलम शुक्ला, शुचित गौतम, हबीब विजयलक्ष्मी  आदि मौजूद रहे।

साढ़ामऊ क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता मुन्नी देवी का घर-घर जाकर दवा खिलाने में सहयोग फाइलेरिया रोगी नेटवर्क के सदस्य बिटटो देवी और रामकली ने किया।