- 13 मार्च से शुरू होने जा रहा है विशेष पखवाड़ा का अंतिम चरण
- इस वित्तीय वर्ष में लगभग 84 प्रतिशत बच्चे हो चुके हैं पूर्ण प्रतिरक्षित
- सेन्टर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला
औरैया - किन्हीं कारणों से टीकाकरण से छूटे बच्चों को टीका से प्रतिरक्षित करने के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा का अंतिम चरण 13 मार्च से शुरू होने जा रहा है l वहीं जनपद में वर्ष 2022-23 के दौरान अब तक 84 प्रतिशत बच्चे टीका से पूर्ण प्रतिरक्षित किये जा चुके हैं l साथ ही जिला अस्पताल और शहरी सीएचसी में रविवार को भी टीका लगाया जा रहा हैl जनपदवासी इसका लाभ ले सकते हैं l यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव काl सीएमओ शनिवार को जनपद के एक होटल में आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं l यह कार्यशाला स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में सेन्टर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित हुई l
सीएमओ डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 13 मार्च से 24 मार्च के बीच में विशेष टीकाकरण पखवाड़ा चलाया जाएगा l इस दौरान किसी भी कारण छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगाl 9 जनवरी से 20 जनवरी तक पखवाड़ा का पहला चरण और 13 फरवरी से 24 फरवरी दूसरा चरण मनाया गया l
सीएमओ ने कहा कि जब बच्चा मां के गर्भ से बाहर आता है तो यह दुनिया उसके लिए अलग होती है l ऐसे में इस वातावरण में ढलने के लिए उसको समय चाहिए होता है l लेकिन इस संसार में मौजूद कई बीमारियां उस पर हावी होने के लिये तैयार बैठी होती हैं, इसीलिए बच्चे को जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने का एकमात्र विकल्प टीकाकरण ही है l सीएमओ ने अपील कि अपने बच्चे का टीकाकरण जरूर कराएं l मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय ने बताया की स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध सभी वैक्सीन की गुणवत्ता विश्वस्तरीय है क्योंकि वैक्सीन की गुणवत्ता एवं कोल्ड चेन की निगरानी एविन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा रही है l
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने कहा कि ग्लोबल इन्डेस्क के अनुसार कोल्ड चेन में उत्तर प्रदेश को 83 प्रतिशत मिला है वहीं जनपद को इसमें 89 प्रतिशत स्थान मिला है l सामान्यतः 80 प्रतिशत पाने को बेहतर मना जाता हैl प्रदेश सरकार दिसम्बर 2023 तक मिजिल्स रूबैला उन्मूलन एवं सभी वैक्सीन रोधी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अर्न्तगत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं अन्य ड्यू वैक्सीन दी जा रही है। नौ माह से लेकर पांच साल तक के छूटे बच्चों को 12 से अधिक जानलेवा बीमारियों से बचाव को लेकर तीन माह का अभियान चलाया जा रहा है। इसका अंतिम चरण 13 मार्च से शुरू होगा l
उन्होंने बताया कि टीकाकरण सुरक्षित और असरदार हैं। कुछ टीकों के लगने के बाद बच्चों को बुखार भी आता है लेकिन इससे डरने की जरुरत नहीं है। इसके लिए सत्र स्थल पर एएनएम दवा भी देती हैं l इससे बुखार सही हो जाता है बुखार आने के भय से अपने बच्चे का टीकाकरण न रोकें यह उसके जीवन के लिए सही नहीं है l जब भी टीकाकरण कराने जाएं टीकाकरण कार्ड अपने साथ जरूर लाएं l
डीआईओ ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले में खसरा रुबैला के 46 केस निकले थे वहीं इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक मात्र11 केस निकले हैं यह कहीं न कहीं लोगों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता का ही परिणाम है l
डीआईओ ने बताया कि हमने इस वित्तीय वर्ष में लगभग 84 प्रतिशत बच्चों के टीके लगा दिए हैं l जिले को इस वित्तीय वर्ष में 31873 बच्चों को टीके लगाने का लक्ष्य था जिसके सापेक्ष 26662 बच्चों के टीके लगा दिए गए हैं l जिनमें से 24155 बच्चों को टीबी से बचाने के लिए बीसीजी, 13065 बच्चों को हेपेटाइटिस बी से बचाने के लिए, 27695 बच्चों को पोलियो की खुराक, 27666 बच्चों को डिप्थीरिया (गलघोंटू), काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पेंटावैलेंट के टीके, 27220 बच्चों को पोलियो की इंजेक्टबल वैक्सीन और 26662 बच्चों को खसरा रुबैला से सुरक्षित रखने के लिए एमआर का टीका लगा दिया गया है l साथ ही 26105 गर्भवती महिलाओं को टीडी का टीका लगाया जा चुका है l
यूनिसेफ के नरेन्द्र शर्मा ने फिल्म के माध्यम से टीका के महत्व के बारे में विस्तार से समझायाl साथ ही आयोजन में उपस्थित मीडिया से टीका के संबंध में भ्रान्ति दूर करने की अपील कीl इस मौके पर यू एन डी पी के प्रोग्राम आफीसर धनन्जय श्रीवास्तव, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ चेतन शर्मा और यूएनडीपी के वीसीसीएम सतेंद्र सिंह ने टीका की कोल्डचेन के बारे में विस्तार से जानकारी दी l उन्होंने बताया कि वैक्सीन के उत्पादन से लेकर टीका लगने तक इसका तापमान कैसे बरकरार रखा जाता हैl साथ ही कोल्ड चेन पोइंट में उपयोग की जा रही अत्याधुनिक ईविन तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया l
इस दौरान सेन्टर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सम्पादक लोकेश त्रिपाठी, मंडलीय समन्वयक राशि गुप्ता और जिला समन्वयक इटावा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे ।