एमडीए में छूटे हुए चिह्नित व्यक्तियों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा



बाराबंकी -  फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की ओर से 15 दिन तक चले अभियान में 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई गई। अभियान में छूटे लोगों को दवा खिलाने के लिए 13 से 18 दिसम्बर तक मॉपअप राउंड चलाया जा रहा है। गठित टीमें ऐसे व्यक्तियों को चिन्ह्ति कर दोबारा उनके घर जाकर दवा खिलाने का काम कर रही है।

जिला मलेरिया अधिकारी अविनाश चन्द्र ने बताया कि फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए शासन प्रति वर्ष जीरो  से 2 वर्ष के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, अत्यधिक वृद्ध एवं बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को आयु वर्ग के अनुसार नि:शुल्क दवा खिलाने का काम कर रही है। इस बार जिले में दवा खिलाने के लिए 22 नवबंर से सात दिसंबर तक अभियान चलाया गया था। अभियान के दौरान जिले की कुल जनसंख्या 37 लाख 65 हजार लोगों के सापेक्ष 30 लाख 23 हजार 576 से अधिक लोगों को दवा का सेवन कराया गया।

इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की कुल 6 हजार 500 एडमिनिस्ट्रेटर व 418 सुपरवाइजर लगाये गये है। टीम घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने का काम कर रही थीं। अभियान में छूटे लोगों को दवा खिलाने के लिए 10 दिसंबर तक मॉपअप राउंड चलाया जा रहा है। इस दौरान जिले के कुल 213 उपकेंद्र क्षेत्र में ऐसे लोगों को चिन्ह्ति कर टीमें दोबारा उनके घर जाकर दवा खिलाने का काम कर रही हैं।

डीएमओ ने बताया कि मलेरिया की दवा स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने खिलाते हैं। घर-घर भ्रमण के दौरान स्वास्थ्य कर्मी यह दवा परिवार के उन्हीं सदस्यों को देते हैं, जो मौजूद रहते हैं। बाहर निकले सदस्यों के लिए दवा नहीं दी जाती है। कहा कि अब मॉपअप राउंड में शेष बचे लोगों को दवा खिलाने का काम किया जा रहा है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ डीके श्रीवास्तव ने बताया कि यदि किसी को इस बीमारी के लक्षण नजर आते हैं तो घबराएं नहीं। दवाओं का सेवन जरूर करें यदि कोई परेशानी होती है तो टीम के सदस्यों से संपर्क मिले। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार मुफ्त होता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। दवा खाली पेट नहीं लें ।