- इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से रखी जा रही निगरानी, मिल रहा परामर्श
लखनऊ - कोविड-19 के मामले बढ़ जरूर रहें हैं लेकिन पहली दो लहर जैसी गंभीर स्थिति संक्रमितों में इस बार नहीं देखी जा रही है । बहुत से लोगों में तो कोई खास लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है । ऐसी स्थिति में घर पर ही रहकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और स्वास्थ्य महानिदेशालय से जारी दवाओं का सेवन करते हुए कोरोना को आसानी से मात दिया जा सकता है । इसके साथ ही सरकार द्वारा कोविड की जांच, उपचार और रेफर के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से संक्रमितों की निगरानी की जा रही है और जरूरी परामर्श भी दिए जा रहे हैं ।
स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस बार कोविड को मात देने के लिए समिति द्वारा निर्धारित दवाओं की सूची जारी करने के साथ ही कोरोना से निपटने के लिए की गईं तैयारियों और बरती जाने वाली सावधानियों का भी जिक्र किया है । पत्र के मुताबिक इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से होम आइसोलेशन के पात्र मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है । किसी होम आइसोलेटेड मरीज के लक्षण युक्त हो जाने या उसे चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होने पर इलाज व संदर्भन की सुविधा मिल रही है । इसके अलावा जन सामान्य को कोविड से बचाव के उपायों और प्रदेश में उपलब्ध कोविड की जांच व इलाज की उपलब्ध सेवाओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है । चिकित्सीय सलाह की सुविधा पूरे समय के लिए उपलब्ध है । ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर पर ही अनुभवी चिकित्सकों द्वारा मुफ्त कंसल्टेंसी की सुविधा दी जा रही है । सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त कोविड टीकाकरण किया जा रहा है । नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त कोविड जांच और लक्षण युक्त व्यक्तियों के लिए उपचार की सुविधा मौजूद है । विशेष परिस्थितियों में हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-5145 और 104 नंबर की भी मदद ली जा सकती है । ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति कोविड पाजिटिव है तो होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करें और घर से बाहर न निकलें । इसके अलावा यदि खुद कोविड के लक्षणों से ग्रसित हैं तो खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रखें और घर से बाहर न निकलें ।
विकासनगर में होम आइसोलेशन में रहने वाली 46 वर्षीया रश्मि (बदला हुआ नाम) ने बताया कि कोविड पाजिटिव की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें घर पर ही मेडिकल किट मुहैया करा दी गई थी और दिन में तीन-चार बार इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से फोन पर हालचाल ली जाती है और आक्सीजन लेवल की भी जानकारी ली जाती है ।
इन परिस्थितियों में हेल्पलाइन या डाक्टर से संपर्क करें :
लगातार कई दिनों तक 101 डिग्री से अधिक का बुखार
सांस फूलना और सांस लेने में परेशानी होना
पल्स आक्सीमीटर से नापने पर आक्सीजन का स्तर 94 फीसद से कम आना
भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर
छोटे बच्चों में कोविड के लक्षण :
बुखार, खांसी, जुकाम
लगातार रोना
दूध/खुराक लेना बंद कर देना
दस्त लगना
पसली चलना
निढाल पड़ जाना
12 वर्ष से अधिक के लोगों में कोविड के लक्षण :
बुखार, खांसी, जुकाम व थकावट
सिर दर्द व बदन दर्द
स्वाद या गंध की चेतना का चला जाना
बुखार के साथ दस्त
बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते
कोविड से बचाव एवं सावधानियाँ :
हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें
मास्क को ठीक तरह से पूरे मुंह व नाक को ढकते हुए लगाएं
सोशल डिस्टेंसिंग (छह फुट की दूरी) का पालन करें
अनावश्यक घर से बाहर न निकलें
लक्षण आने पर खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें और जांच कराएं
बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथों को धुलते रहें
समय से कोविड टीकाकरण जरूर कराएं
दवाओं के साथ इन बातों का भी रखें ख्याल :
सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम दिन में 20 से 30 मिनट तक करें (सहज महसूस करने पर ही)
दिन में तीन से चार बार श्वसन दर (रेस्परेटरी रेट) व आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) अवश्य नापें, यह 94 फीसद अथवा इससे अधिक होना चाहिए
पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म/गुनगुना पानी पियें
उच्च रक्तचाप व किसी पुरानी बीमारी का उपचार चल रहा है तो उसे डाक्टर के परामर्श से जारी रखें