यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह, इससे डरने की आवश्यकता नहीं, सावधानी जरूरी : मुख्यमंत्री योगी
उप्र: 18 वर्ष से अधिक उम्र के 95 प्रतिशत से अधिक लोगों ने ली टीके की पहली डोज
लखनऊ - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम-9 की बैठक में कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग और टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण कोविड के प्रसार को रोकने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। यह संतोषजनक है कि हमारा प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण में अन्य राज्यों के सापेक्ष प्रथम स्थान पर है।
इस दौरान उन्होंने कहाकि कोरोना के कारण बच्चों का नियमित टीकाकरण प्रभावित हुआ है। ऐसे नवजात बच्चों को चिन्हित करते हुए फरवरी माह में विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण पूरा किया जाएगा । बचपन में लगने वाले यह टीके जीवन भर अनेक बीमारियों से हमें सुरक्षित रखते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 95 प्रतिशत से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। 61 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 45 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 40 प्रतिशत से अधिक पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यथाशीघ्र सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। संभल, आगरा, रामपुर, जालौन आदि टीकाकरण में धीमी गति वाले जिलों से संवाद बनाएं। स्कूल तथा कॉलेजों में विशेष कैम्प लगाएं।
आपको बता दें विगत 24 घंटों में 02 लाख 30 हजार 753 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 17,776 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 20,532 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 98 हजार 238 है। इनमें से 95 हजार 293 घर पर ही उपचाराधीन हैं। स्पष्ट है कि बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है। अतः इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक टीके की 23 करोड़ 72 लाख से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 09 करोड़ 69 लाख से अधिक टेस्टिंग हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना प्रसार को नियंत्रण में ट्रेसिंग का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है। अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का कार्य किया, जिससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली। इस बार भी ऐसे ही प्रयास की जरूरत है।