कोविड टीके पर था विश्वास, मधुमेह के साथ कोरोना को हराया



  • जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने ली थी टीके की तीनों डोज
  • सैंपलिंग और निर्वाचन ड्यूटी के दौरान हो गये थे संक्रमित

गोरखपुर - कोविड टीके की डोज सहरूग्णता (को-मोर्बिड) वाले मरीजों के लिए भी वरदान साबित हो रही है । हाल ही में मधुमेह के साथ कोविड को हरा कर काम पर लौटे जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के.एन. बरनवाल का कहना है कि सभी लोगों को कोविड का टीका अवश्य लगवाना चाहिए । सैंपलिंग और निर्वाचन ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए श्री बरनवाल एक बार फिर पुराने आत्मविश्वास के साथ कार्य कर रहे हैं ।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी का कहना है कि 19 जनवरी की सुबह जब उन्हें तेज बुखार हुआ तो बिना विलंब किये उन्होंने खुद को आइसोलेट किया और सैंपल जांच के लिए भेज दिया । सरकारी कोविड किट की दवा का भी सेवन शुरू कर दिया । 20 जनवरीको उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजीटिव आई । मधुमेह के कारण उन्हें और परिवार को भी थोड़ी घबराहट हुई लेकिन मन में टीके के प्रति आत्मविश्वास भी था । उन्होंने तीसरा एहतियाती डोज भी ले लिया था, इसलिए आत्मविश्वास भी ज्यादा था । विशेषज्ञ बार-बार सलाह देते रहे हैं कि टीकाकरण करवाने वालों में कोविड के कारण जटिलताएं पैदा नहीं होती हैं, इसलिए उन्हें बहुत डर नहीं लगा ।

होम आइसोलेशन में कोविड का डर हावी न हो इसके लिए श्री बरनवाल ने स्वेच्छा से सैंपलिंग व अन्य कार्यालयी कार्य के लिए टेलीफोनिक कोआर्डिनेशन जारी रखा । वह कहते हैं कि कोविड की पहली दो लहर के दौरान वह गिलोय और काढ़ा आदि का सेवन करते रहे हैं। इस बार इनके सेवन न करने के कारण प्रतिरोधक क्षमता में कमी थी और शायद इसी वजह से संक्रमित भी हो गये । उन्हें इस बात का मलाल भी है कि पहली बार कोविड के कारण 26 जनवरी को संस्थागत तौर पर नहीं मना सके। वह बताते हैं कि उन्होंने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर पर ही ध्वजारोहण किया ।

मधुमेह का स्तर बढ़ गया : श्री बरनवाल ने बताया कि 26 जनवरी को ही उनकी रिपोर्ट कोविड निगेटिव आई । फिर भी शरीर में कमजोरी बहुत थी और जांच में मधुमेह का स्तर 170-210 के बीच मिला । चिकित्सक की सलाह से दवा ली और अब मधुमेह भी नियंत्रण हो चुका है । होम आइसोलेशन के दौरान दो से तीन दिन तक 102 डिग्री बुखार हो गया था । कोविड के सभी नियमों का पालन करने और टीकाकरण होने से इस बीमारी को हराना संभव हो सका ।

प्रोटोकॉल का पालन करें, टीकाकरण कराएं : जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी का कहना है कि कोविड के साथ जीने का अभ्यास करना होगा । इससे बचाव के लिए प्रोटोकॉल का पालन करें। मास्क लगाएं, दो गज की दूरी रखें, हाथों की स्वच्छता के नियम को ध्यान में रखें, खांसते-छींकते समय रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें, हाथों से नाक, मुंह व आंख को न छुएं । पात्र सभी लाभार्थी अपने आयु वर्ग के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड टीके की दो या तीन डोज अवश्य लें । लक्षण दिखते ही समय से आइसोलेट हो जाना चाहिए। उन्होंने यही किया जिसका फायदा रहा कि उनकी पत्नी और दोनों बच्चे संक्रमित होने से बच गये ।