सघन क्षय रोगी खोज अभियान नौ मार्च से



  • दस दिवसीय अभियान में जिले के 11 लाख लोगों की होगी स्क्रीनिंग

लखनऊ - देश को  वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय क्षय  उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में नौ से 22 मार्च  तक सघन क्षय रोगी खोज अभियान (एसीएफ) चलाया जायेगा | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने दी |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया - केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी की जांच को सुदृढ़ बनाने  के उद्देश्य से पांच सीबीनाट और 14 ट्रूनॉट मशीन उपलब्ध करायी गयी हैं |  इन्हें सक्रिय क्षय रोगी  खोज अभियान के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोसाईगंज, मोहनलालगंज, काकोरी, 100 शैय्या अस्पताल बक्शी का तालाब, मलिहाबाद, माल,  इंटौंजा, सरोजिनी नगर, सरोजनी नगर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा | इससे सुदूर क्षेत्रों को भी लैब में जीन एक्सपर्ट जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।

 

जिला क्षय रोग अधिकारी  डा. कैलाश बाबू ने बताया - क्षय रोगी खोज अभियान के दौरान तीन  सदस्यीय 440 टीमों द्वारा चिन्हित क्षेत्रों के लगभग 11 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।  इसमें चार  लाख लोगों की स्क्रीनिंग ग्रामीण क्षेत्रों में तथा  सात  लाख लोगों  की स्क्रीनिंग शहरी क्षेत्रों में की जाएगी। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए  440 टीमों के 1320 सदस्यों द्वारा  10 दिन चिन्हित क्षेत्रों में  घर-घर भ्रमण किया जाएगा |  88 सुपरवाइजर द्वारा टीमों की गहन मॉनिटरिंग की जाएगी। डॉ कैलाश बाबू ने बताया- एसीएफ के  तहत 20 प्रतिशत आबादी का लक्ष्य लेकर संभावित  टीबी रोगियों को खोजा जाएगा  |

अभियान के दौरान ठाकुरगंज टी0बी0 अस्पताल, के0जी0एम0यू0 लखनऊ, डी0टी0सी0 राजेन्द्र नगर लखनऊ, लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय, बलरामपुर चिकित्सालय, भाऊराव देवरस जन चिकित्सालय महानगर, डॉ राम मनोहर लोहिया मेडिकल संस्थान तथा डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिला  चिकित्सालय लखनऊ में पूर्व से संचालित  सी0बी0 नॉट द्वारा सघन क्षय रोगी खोज अभियान के तहत लगभग 11 लाख लोगों की स्क्रीनिंग होगी |

दस  दिवसीय सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान के दौरान क्षय रोग के लक्षण वाले  व्यक्तियों की तुरंत जांच कर  क्षय रोग चिन्हित होने पर उपचार प्रारंभ करते हुए निक्षय  पोषण योजना के अंतर्गत इलाज के दौरान मिलने वाली  500 रूपये  प्रति माह की धनराशि के भुगतान हेतु उन्हें पंजीकृत किया जायेगा।

एसीएफ के लिए चयनित टीम सदस्यों का चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण प्रारंभ कर दिया गया है, अभियान के दौरान टीम द्वारा घर-घर भ्रमण के समय पूर्व में उपचार ले चुके क्षय रोगियों का भी फॉलोअप किया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी  ने बताया - टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं,  ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है । इस तरह के लक्षण वालों की कोविड की जांच के साथ टीबी की भी जांच करायी जा रही है । इससे बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण का खतरा रहता है । ऐसा करने से हम अपने साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख पाएंगे |

टीबी (क्षय रोग) कैसे फैलता है : जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति बोलता, खाँसता या छींकता है तब उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लाई उत्पन्न होते हैं, जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं | यह बीमारी हवा के जरिये बहुत आसानी से फैलती है |

टीबी के लक्षण :
1 . दो हफ्ते से लगातार खांसी आना
2 . बुखार आना
3 . वजन में लगातार गिरावट
4. रात में पसीना आना
5 . भूख न लगना