नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ अपने वर्चुअल शिखर सम्मेलन के शुरुआती वक्तव्य में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सीईसीए का शीघ्र समापन हमारे आर्थिक संबंधों, आर्थिक बहाली और आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।
दोनों देशों के संबंधों पर केन्द्रित अपने वक्तव्य में मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमारे संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। क्वाड में भी दोनों देशों बीच अच्छा सहयोग चल रहा है। हमारा यह सहयोग मुक्त, खुले और समावेशी हिन्द-प्रशांत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि व्यापार व निवेश, रक्षा व सुरक्षा, शिक्षा व नवाचार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी – इन सभी क्षेत्रों में हमारा बहुत क़रीबी सहयोग है। कई अन्य क्षेत्र, जैसे महत्वपूर्ण खनिज, जल प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा, कोविड-19 रिसर्च में भी दोनों देश मिलकर तेजी से काम कर रहे हैं।
बेंगलुरु में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी नीति के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की घोषणा का प्रधानमंत्री ने स्वागत किया। साथ ही प्राचीन भारतीय कलाकृतियों को लौटाने की पहल के लिए प्रधानमंत्री मॉरिसन का विशेष धन्यवाद दिया।
इस दौरान आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने अपने शुरूआती वक्तव्य में कहा कि आज की हमारी बैठक यूरोप में युद्ध की बहुत ही विनाशकारी पृष्ठभूमि के बीच हो रही है। ऐसी स्थिति हमारे अपने क्षेत्र में कभी नहीं होनी चाहिए।
मॉरिसन ने हाल के विधानसभा चुनावों में जीत पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी। फिलहाल भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन चल रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत-आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का यह दूसरा वर्चुअल शिखर सम्मेलन है। पिछला शिखर सम्मेलन 4 जून 2020 को हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मॉरिसन ने सितंबर 2021 में क्वाड लीडर्स समिट के इतर कोविड -19 महामारी के बाद पहली बार व्यक्तिगत तौर पर वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की थी।