नई दिल्ली - देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक कार्यक्रमों में दाखिला केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) की मेरिट के आधार पर होगा। यह प्रवेश परीक्षा 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया अप्रैल माह के पहले सप्ताह में शुरू होगी।
शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इस संबंध में जारी सार्वजनिक नोटिस को साझा करते हुए कहा कि सभी यूजीसी वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए, सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। आवेदन अप्रैल 2022 के पहले सप्ताह में उपलब्ध होगा। उल्लेखनीय है कि अब तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश 12वीं कक्षा के प्राप्त अंकों के आधार पर मिलता था।
यूजीसी के सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा सीयूईटी का आयोजन हिन्दी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, उड़िया और अंग्रेजी भाषाओं में किया जाएगा। इसमें आगे कहा गया है कि सीयूईटी को राज्य, निजी और डिम्ड विश्वविद्यालयों द्वारा भी अपनाया जा सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि हमने विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है, जो 13 अलग-अलग भाषाओं में दिया जा सकता है। हमने छात्रों को बहुत सारे विकल्प दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है जो स्पष्ट रूप से कहता है कि सभी विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा स्कोर का उपयोग कर सकते हैं। सीयूईटी स्कोर को ध्यान में रखते हुए स्नातक के तहत प्रवेश देना सभी विश्वविद्यालयों की सामाजिक जिम्मेदारी है।
कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि उनकी मौजूदा आरक्षण और प्रवेश नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन प्रवेश केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के आधार पर होना चाहिए।