लखनऊ - राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सीएचसी) सरोजिनी नगर में कुष्ठ रोगियों को स्वयं की देखभाल विषय पर प्रशिक्षण दिया गया | इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डा. अंशुमान श्रीवास्तव ने कहा - कुष्ठ एक संक्रामक रोग है जो कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है।अगर समय पर कुष्ठ रोग का पता चल जाए तो व्यक्ति दीर्घकालीन दिव्यांगता से बच सकता है । सभी संक्रामक रोगों में से कुष्ठ रोग गंभीर रोग है | कुष्ठ संक्रमित मरीज द्वारा यह रोग फैलता है और का इलाज सीएचसी पर निःशुल्क किया जाता है ।
जिला कुष्ठ सलाहकार डा. शोमित ने बताया कि -हाथों-पैरों को सूखा न रखें क्योंकि कुष्ठ रोग में संवेदनहीनता और मांसपेशियों की कमजोरी के फलस्वरूप तंत्रिका क्षति के कारण शारीरिक दिव्यांगता और विकृति का कारण बनता है | इसके फलस्वरूप त्वचा सूख जाती है और अतिरिक्त संवेदी विकृतियों के साथ कठोर त्वचा, छाले एवं अल्सर बनने का कारण बनती है | हाथों-पैरों को आग, सख्त , नुकीली और खुरदरी चीजों के संपर्क में आने से बचाएं | इनसे बचाव के लिए विशेष तरह के जूते-चप्पल आते हैं उन्हें पहने | हाथों-पैरों को हमेशा साफ़ रखें |
कुष्ठ रोग के कुछ सामान्य लक्षण हैं - गहरे रंग की त्वचा के व्यक्ति में हल्के रंग के धब्बे और हल्के रंग के व्यक्ति की त्वचा में गहरे अथवा लाल रंग के धब्बे, त्वचा के दाग धब्बों में संवेदनशीलता (सुन्नपन), हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी, हाथपैरों या पलकों में कमजोरी, चेहरे/ कान में सूजन या घाव तथा हाथ या पैरों में दर्द रहित घाव |
स्वयं सेवी संस्था अनटिल नो लेप्रोसी रिमेंस( एनएलआर) के संतोष महतो ने बताया- यदि कुष्ठ रोग की पहचान और उपचार सही समय से नहीं होता है तो यह स्थाई दिव्यांगता उत्पन्न कर देता है।कुष्ठ रोग में त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। धब्बे संवेदना रहित होते हैं और रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व शांति से होती है | यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है। सभी संक्रामक रोगों में कुष्ठ रोग अत्यधिक घातक है, क्योंकि इस रोग में स्थाई शारीरिक दिव्यांगता हो सकती है एवं इस रूप में विशेष रुप से रोग में दिखने वाली दिव्यांगता ही मरीज के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के लिए जिम्मेदार है।
इस अवसर पर कुष्ठ मरीजों को टब, मग और चप्पल का वितरण किया गया | इस मौके पर सीएचसी के स्वास्थ्य अधिकारी डा. नीरज गुप्ता, नॉन मेडिकल सुपरवाइजर दिनेश कुमार, नवनीत श्रीवास्तव, अवधेश यादव, ऋषि कुमार, नॉन मेडिकल एसिस्टेंट (एनएमए) सतीश यादव, अंजुम आनंद श्रीवास्तव तथा रचना श्रीवास्तव उपस्थित रहे |