बाहर की दवायें लिखी तो खैर नहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की डॉक्टरों को सख्त हिदायत



लखनऊ (एजेंसी) - अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। योजना भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ समय पर ड्यूटी पर उपस्थित हों।

अस्पतालों के निदेशक, प्रमुख अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिक्षक यह सुनिश्चित करें कि सभी डाक्टर व कर्मी अपनी कार्यावधि में अस्पताल में उपस्थित रहें। बिना इलाज के मरीज अस्पताल से वापस न जाए। उप मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडलों के अपर निदेशकों व जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों  से जुड़े। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों  व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों  का समय-समय पर अपर निदेशक व सीएमओ दौरा करें। अनुपस्थित व देर से आने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

हर हाल में अस्पतालों के मुख्य द्वार पर पर्याप्त संख्या में व्हील चेयर और स्ट्रेचर की व्यवस्था की जाए। ताकि किसी भी रोगी को परेशानी का सामना न करना पड़े। मरीजों को हर हाल में अस्पताल से ही दवा उपलब्ध कराई जाए। दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता अस्पतालों में होनी चाहिए। जो डाक्टर बाहर से दवा लिखते हुए पकड़े गए उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। सभी चिकित्सालयों में जहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन आदि उपलब्ध है, वह क्रियाशील रहे इसके पुख्ता इंतजाम करें।

अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों के बैठने की व्यवस्था की जाए। ओपीडी व लैब में मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त संख्या में बेंच का इंतजाम किया जाए। भवनों की साफ-सफाई के साथ-साथ नियमित रूप सभी बेड के चादर बदले जाएं। चिकित्सालयों में कूड़ेदान की जगह-जगह व्यवस्था की जाए, ताकि मरीज व तीमारदार इधर-उधर कूड़ा न फेंके। 12 वर्ष से 14 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाने के कार्य में तेजी लाई जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद चार अप्रैल से शुरू होने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान व नियमित टीकाकरण अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेद ब्रत सिंह मौजूद रहे।