नयी दिल्ली - भारतीय सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (एसईसीआई) ने भारत में 500 एमडब्ल्यू/1000 एमडब्ल्यूएच स्टैंडअलोन बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली स्थापित करने के लिए निविदा जारी की है। इससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को जरूरत के आधार पर उपयोग की जाने वाली भंडारण सुविधाएं प्रदान की जाएगी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि देश में अपनी तरह की यह पहली निविदा मार्च 2022 में बिजली मंत्रालय द्वारा जारी मानक बोली दिशा-निर्देशों के तहत जारी की गई है। आरएफएस के तहत स्थापित की जाने वाली कुल क्षमता 1000 एमडब्ल्यूएच (500 मेगावाट & 2 घंटे) है, जो 500 एमडब्ल्यूएच (250 मेगावाट & 2 घंटे) क्षमता की दो परियोजनाओं का गठन करेगी।
इन परियोजनाओं को राजस्थान राज्य में आईएसटीएस नेटवर्क के फतेहगढ़-ढ्ढढ्ढढ्ढ ग्रिड-सबस्टेशन के आसपास स्थापित किया जाएगा। इसे खरीदने वाली संस्थाओं को उनकी ऊर्जा स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार, आरई पावर के माध्यम से दैनिक रूप से चार्ज और डिस्चार्ज करने के लिए भंडारण क्षमता की पेशकश की जाएगी।
सीटीयू इसे विकसित करने वाले को परियोजनाओं के लिए जरूरी जमीन उपयोग के अधिकार के आधार पर प्रदान करेगी। एसईसीआई इस निविदा की कार्यान्वयन एजेंसी है और क्रय करने वाली संस्थाओं की ओर से एक ट्रेडिंग मार्जिन के रूप में एक सुविधा शुल्क चार्ज करते हुए क्षमता की खरीद करेगी।
मंत्रालय ने कहा कि निविदा के तहत स्थापित की जाने वाली कुल क्षमता में से संस्थाओं की ओर से 60 प्रतिशत हिस्सा एसईसीआई लेगी और 40 प्रतिशत क्षमता की जिम्मेदारी इसे विकसित करने वाले की होगी, चाहे वो इसे तीसरे पक्ष को बेचे या बाजार में बिक्री करे। सरकार ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में इस निविदा के माध्यम से बाजार के विकास के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान करेगी। एसईसीआई द्वारा ली गई 60 प्रतिशत क्षमता में से 30 फीसदी एनएलडीसी, पीओएसओसीओ द्वारा ग्रिड सहायक सेवाओं के लिए उपयोग करने के लिए निर्धारित की जाएगी।