- तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका सुंदरीकरण कराया जाए, इन्हें ‘अमृत सरोवर’ नाम दिया जाना चाहिए
लखनऊ - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां शास्त्री भवन में नगरीय विकास सेक्टर का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके अन्तर्गत 05 विभागों-नगर विकास, नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलन विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कुल जनसंख्या का 24 प्रतिशत हिस्सा शहरी आबादी का है, जो राज्य की जी0डी0पी0 में 65 प्रतिशत का योगदान करता है। स्वस्थ एवं प्रदूषण मुक्त शहर, समावेशी शहर विकास, उच्चस्तरीय आधुनिक नगरीय सुविधाएं और ई-गवर्नेंस के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। नगर नियोजन करते समय हमें भविष्य की जरूरतों और जन आकांक्षाओं का ध्यान भी रखना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद/विकास प्राधिकरण में नियोजन का कार्य टाउन प्लानर/प्रोफेशनल से ही कराया जाए। अनियोजित विकास भविष्य के लिए बड़ी समस्या के कारक होते हैं। विकास प्राधिकरण लैंड बैंक विस्तार के लिए ठोस प्रयास करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए नियोजित प्रयास करना होगा। अगले 02 वर्ष में नजूल एवं अर्बन सीलिंग से सम्बंधित अभिलेखों को डिजिटाइज किया जाए। सभी नगरों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। नगर निकायों में बिल्डिंग बायलॉज तैयार किए जाएं। वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मियों का स्थानांतरण किया जाए। साथ ही विकास प्राधिकरणों की कार्यशैली को पारदर्शी बनाया जाए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुंभ-2019 को पूरी दुनिया ने देखा है। धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुम्भ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की। अब जबकि प्रयागराज महाकुंभ-2025 समीप है, तो लोगों की हमसे अधिक अपेक्षाएं होंगी। इसका ध्यान रखते हुए प्रयागराज महाकुंभ-2025 को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी की जाए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीब का ‘अपना घर’ का सपना पूरा किया है। इस अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की सराहना भी हुई है। अगले छह माह में 2.51 लाख नए आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से कार्य किया जाए। शहरों में अच्छी यातायात सुविधाएं देने के उद्देश्य से सभी नगर निगमों में इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा शुरू करने की आवश्यकता है। इस संबंध में ठोस प्रयास किए जाने चाहिए । 14 नगरों में संचालित ई-बसों की फ्लीट को अगले 100 दिनों में दोगुना किया जाए। स्थानीय मांग के अनुसार नए रूट पर भी इस सेवा को शुरू किया जाए। सिटी बस सेवा को मोबाइल ऐप से जोड़ने का प्रयास किया जाए। इससे लोगों को सुविधा होगी।
काशी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झांसी और प्रयागराज को मेट्रो रेल सेवा से जाएगा जोड़ा : मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झांसी और प्रयागराज को मेट्रो रेल सेवा से जोड़ा जाना है। यथावश्यक कार्यवाही पूरी की जाए। 06 माह के भीतर गोरखपुर मेट्रो लाइट परियोजना के कार्यों का शुभारम्भ करने की तैयारी की जाए। काशी, मेरठ, बरेली, झांसी और प्रयागराज में मेट्रो लाइट अथवा मेट्रो नियो परियोजनाओं के लिए प्री फिजिबिलिटी स्टडी/डी0पी0आर0 तैयार करायी जाए। वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट में रोप-वे सेवा को यथाशीघ्र प्रारम्भ करने की कोशिश की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीनफील्ड टाउनशिप, अयोध्या से सम्बंधित विकास कार्यों का शुभारम्भ यथाशीघ्र कराया जाए। अमृत योजना के अन्तर्गत महानगरों की जी0आई0एस0 बेस्ड महायोजना तैयार की जाए। लॉजिस्टिक ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट (लीड्स)-2021 के अन्तर्गत लॉजिस्टिक योजना तैयार की जाए। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर हमारी रैंकिंग सुधरी है, लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है।
एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग व्यवस्था होगी लागू : मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास प्राधिकरणों में एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग व्यवस्था लागू करायी जाए, जिसमें वित्त, मानव संसाधन, प्लानिंग प्रोजेक्ट, प्रबंधन एवं क्रियान्वयन, संपत्ति आवंटन, आपूर्ति और लेखा इत्यादि को एकीकृत किया जाए। ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ वर्ष में जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जायें। जहां तालाबों पर अतिक्रमण हो, वहां अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका सुंदरीकरण कराया जाए। इन्हें ‘अमृत सरोवर’ नाम दिया जाए। समस्त विकास प्राधिकरणों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग विषयक मास्टर प्लान तैयार कराया जाए।
ईको टूरिज्म बोर्ड के गठन पर हो विचार : मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्राकृतिक रूप से एक समृद्ध राज्य है। यहां ईको टूरिज्म की असीम संभावना है। इन संभावनाओं को आकार देने के लिए ईको टूरिज्म बोर्ड के गठन पर विचार किया जाए। हेरिटेज वृक्ष के रोपण और संरक्षण के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। लखनऊ स्थित कुकरैल पिकनिक स्पॉट को और बेहतर पर्यटक स्थल बनाने के प्रयास किये जाएं। साथ ही प्राणि उद्यान को कुकरैल में रिलोकेट करने की सम्भावनाएं तलाशी जाएं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक सहित मंत्रिमण्डल के सदस्य तथा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।