नई दिल्ली (एजेंसी) - पॉपुलर माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट टिवटर ने एक बड़ा फैसला लिया है। टिवटर ने कहा वो वैसे एड्स को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाएगा जो क्लाइमेट चेंज पर वैज्ञानिक पक्ष को नहीं मानते हैं। इस पॉलिसी को पहले से सर्च इंजन जायंट गूगल ने लागू कर रखा है।
ट्विटर ने अपने एक स्टेटमेंट में बताया कि एड्स की वजह से क्लाइमेट चेंज के बारे में जरूरी बातचीत अलग नहीं होना चाहिए। इसको लेकर माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने ये भी बताया कि ये फैसला दिखाता है कि टिवटर कॉर्बन फुटप्रिंट को कम करने पर काम कर रहा है।
कंपनी के अनुसार, ये फैसला तब लिया गया जब (आईपीसीसी)की चेतावनी वाली रिपोर्ट आई कि ग्रीनहाउस गैम इमिशन को 2030 तक आधा करने की जरूरत है वर्ना तबाही आ सकती है।
टिवटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि क्लाइमेट चेंज पर क्रेडबिल, ऑथोरिटेटिव जानकारी की जरूरत है। इन जानकारी को सही तरीके से पहुंचाने के लिए वैसे भ्रामक एडवरटाइजमेंट को ट्विटर से हटाया जाएगा जो वैज्ञानिकों की बात को इस पर नहीं मानते हैं।
कंपनी ने कहा उसका मानना है कि क्लाइमेट को बर्बाद करने वाले कंटेंट ट्विटर पर मॉनिटाइज नहीं होने चाहिए। इस वजह से टिवटर ने क्लाइमेट चेंज पर मिसलीड करने वाले सभी एड्स को बैन कर दिया है। ऐड्स बैन के अलावा कंपनी ने अपने उन फैसलों के बारे में भी बताया जो एनवायरमेंटल फ्रेंडली है।