नई दिल्ली (डेस्क) - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर एक डाक टिकट भी जारी किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, देवुसिंह चौहान और एल. मुरुगन के साथ-साथ दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र के दिग्गज उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5जी टेस्ट-बेड राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है। ये टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है। उन्होंने आईआईटी समेत इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, 5जीआई के रूप में जो देश का अपना 5जी स्टैंडर्ड बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है। ये देश के गांवों में 5जी टेक्नॉलॉजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि 5जी टेक्नोलॉजी भी देश की गवर्नेंस में, इज ऑफ लिविंग, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि 5जी को तेजी से शुरू करने के लिए सरकार और उद्योग दोनों के प्रयासों की जरूरत है।
आगे उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में, अर्थव्यवस्था में मल्टीप्लायर इफेक्ट पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलिकॉम सेक्टर है। 2जी काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3जी से 4जी और अब 5जी और 6जी की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमने देश में ही मोबाइल फोन की मैन्युफेक्चरिंग पर बल दिया। परिणाम ये हुआ कि मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गईं। आज हम भारत देश के हर गांव तक ऑप्टिकल फाइबर से जोडऩे में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब-करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। इससे सैकड़ों सरकारी सेवाएं गांवों तक पहुंच रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ट्राई जैसे नियामकों के लिए भी 'व्होल ऑफ द गवर्मेंट अप्रोच' महत्वपूर्ण है। आज विनियमन केवल एक क्षेत्र की सीमाओं तक सीमित नहीं है। प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ रही है। इसलिए आज हर कोई सहयोग-आधारित विनियमन की आवश्यकता का अनुभव कर रहा है। इसके लिए यह आवश्यक है कि सभी नियामक एक साथ आएं, साझा प्लेटफॉर्म विकसित करें और बेहतर समन्वय के लिए समाधान खोजें।