नई दिल्ली /लखनऊ (डेस्क) - भारत के ग्रामीम क्षेत्रों में हर कोने तक स्वास्थ्य सुविधाओं के पहुंचाने में आशा वर्कर्स काहमेशा से ही अहम योगदान रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए प्रतिबद्धता और शानदार नेतृत्व करने के लिए 10 लाख भारतीय आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। यह सम्मान आशा स्वयंसेवकों को ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ अभियान में उनकी भूमिका के लिए दिया गया है।
बता दें ये आशा कार्यकर्ता भारत सरकार से मान्यता प्राप्त हैं और ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने की प्रथम इकाई हैं। इनमें से अधिकांश ने भारत में महामारी के चरम के दौरान घर-घर जाकर कोरोना पीडि़तों का पता लगाया था । विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ.टेड्रोस ने ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड्स के लिए पुरस्कार विजेताओं पर फैसला किया। उन्होंने कहा कि आशा अर्थ होप (Asha) है। भारत की दस लाख से अधिक महिला वॉलंटियर्स ने समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये वाकई सम्मान की असली हकदार हैं। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।