लखनऊ (डेस्क) - हाल ही में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई ग्राउण्ड-ब्रेकिंग सेरेमनी-03 से उत्तर प्रदेश के उद्योग एवं व्यापार के लिए सुविधाजनक प्रदेश के रूप में उभरने के साथ नई तकनीक के लिए पसंदीदा राज्य बनने के भी संकेत मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीबीसी-03 में 80 हजार करोड़ से अधिक के 1406 औद्योगिक प्रस्तावों को हरी झंडी दिखाई। इनमें कई बड़े प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी मेक-इन-इण्डिया कार्यक्रम और नवाचार (इनोवेशन) से जुड़े हुए हैं। बता दें इस आयोजन में देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला, निरंजन हीरानंदानी, मैथ्यू आइरीज़, विजय शेखर शर्मा आदि शामिल थे।
इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण पहलू यह था कि कई निवेशकों ने अपने गैर-परंपरागत और अत्याधुनिक तकनीक के प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए उत्तर प्रदेश को चुना। उप्र की विशाल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा युवाओं का है, जो व्यापार व उत्पादन की अपनी नई सोच को आकार देना चाहते है। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र सरकार द्वारा निवेश और नवाचार उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई नीतियों की वजह से यह संभव हो सका कि ऐसे प्रस्तावों को उप्र में बिना किसी अड़चन के जमीन पर उतारने का मौका मिला।