प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना : लाभान्वित होने वाली महिलाओं का आंकड़ा लाख के पार



  • ग्रामीण क्षेत्र में आदर्श ब्लॉक शिवराजपुर पहले पायदान पर
  • पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये
  • लाभार्थियों ने योजना को सराहा, कहा - आशा कार्यकर्ता ने की पूरी मदद

कानपुर नगर - ब्लॉक शिवराजपुर निवासी सिमरन (23) बताती हैं कि पहली बार गर्भवती होने  पर गर्भावस्था के दौरान दो किश्तों में  3000 रुपए बैंक खाते में मिले, जिससे पोषण में बहुत सहयोग मिला। प्रसव  के बाद अंतिम किश्त के रूप में 2000 रुपये मिले। उन्होने कहा कि सरकार की यह योजना बहुत ही अच्छी है, जिससे हम अपने खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रख सकते हैं। प्रसव के समय आशा कार्यकर्ता अनीता पाल ने काफी सहायता की।  इसके अलावा शहर की महिपत नगर, फेतफुल गंज निवासी अर्शिया (27) बताती हैं कि पहली बार मां बनने पर उन्हें तीन किश्तों में 5000 रुपए मिले जिससे समुचित पोषण में लाभ मिला। इस योजना से वह बेहद संतुष्ट और प्रसन्न हैं। गर्भावस्था व प्रसव के दौरान मदद के लिए उन्होने आशा कार्यकर्ता सायरा बानो को भी धन्यवाद दिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ नेपाल सिंह ने बताया कि जनपद सहित प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की शुरुआत जनवरी 2017 से हुई थी। पीएमएमवीवाई, एक ऐसी योजना है जिसमें पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और  पोषण सहायता के रूप में तीन किश्तों में 5000 रुपये सरकार द्वारा सीधे उनके बैंक  खाते में दिए जाते हैं। सीएमओ ने बताया कि जनपद में साल 2017 से अब तक 1,00,892 महिलाओं का योजना के तहत पंजीकरण हो चुका है।

तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये - एसीएमओ एवं योजना के नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं । पहली किश्त 1000 रुपए की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पहले 150 दिन के अंदर पंजीकरण कराने के बाद प्रदान की जाती है। दूसरी किश्त गर्भावस्था के 180 दिन के अंदर कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने पर प्रदान की जाती है । दूसरी किश्त में लाभार्थी को 2000 रुपए मिलते हैं। तीसरी किश्त प्रसव के 42 दिन के बाद बच्चे के प्रथम चरण के टीकाकरण पूर्ण होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपए दिए जाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और पोर्टल से जुड़ी हुयी है । पोर्टल पर लाभार्थी का पंजीकरण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इसी के आधार पर उसे योजना का लाभ मिल सकेगा ।  
 
उपलब्धियां - आदर्श ब्लॉक शिवराजपुर में सबसे अधिक 4619 (128%) लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है। बिल्हौर में 5005 (98 %), कल्यानपुर में 4919 (97%), पतारा में 4291 (96.9 %)बिधनू में 5116 (96.2 %), घाटमपुर में 5981 (95.6 %), भीतरगाँव में 5035 (95.5%), सरसौल में 5273 (95.3 %), चौबेपुर में 3496 (91.9 %), ककवन में 1632 (86.03 %)शहरी क्षेत्र में 55525 (62.37%) महिलाओं को योजना का लाभ पहुँचाया गया है | योजना के तहत जिले में अब तक करीब 41 करोड़  रुपये डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजे जा चुके हैं।

ऐसे मिलेगा योजना का लाभ - जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ गज़ाला इरम ने बताया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती व पति का आधार कार्ड तथा लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी तथा बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र फार्म भरते समय जमा करना होता है।

फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या या ओटीपी - जिला कार्यक्रम सहायक नियाज़ अहमद ने बताया की फोन पर यदि कोई ब्यक्ति किसी तरह का बैंक खाता का डिटेल या ओटीपी मांगे तो कोई भी लाभार्थी कदापि न दें, क्योंकि पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े कोई भी अधिकारी कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है।