जानिये बच्चे को किस उम्र में दें नमक और चीनी



लखनऊ - हर माँ चाहती है कि अपने नन्हे मुन्नों को ऐसा स्वादिष्ट खाना बनाकर दे  कि वह उसे बड़े चाव से खा सके । इसके लिए माताएं कोई कसर नहीं छोड़ती हैं जैसे ही बच्चा छह माह की आयु पूरी कर लेता है और पूरक पोषाहार खाना शुरू कर देता है तो खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें नमक या शक्कर डालकर देना शुरू कर देती हैं या  बिस्कुट या चिप्स भी देने लगती हैं जबकि ऐसा करना बिल्कुल सही नहीं है | इतने छोटे बच्चे के लिए स्वाद से ज्यादा महत्वपूर्ण पौष्टिक आहार होता है। इसलिए बच्चे के आहार में नमक या चीनी नहीं मिलाई जानी चाहिए ।

एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा.पियाली भट्टाचार्या बताती हैं कि बच्चे को एक साल तक की आयु तक नमक और दो साल तक की आयु तक शक्कर नहीं देना चाहिए | नमक इसलिए नहीं देना चाहिये क्योंकि इस उम्र तक बच्चे की किडनी कमजोर होती  है | नतीजतन वह  नमक को प्रोसेस कर शरीर को  फायदे पहुंचाने में मदद नहीं करती है | परिणामस्वरूप बच्चे का  पेट फूल जाता है व डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं होती हैं | एक साल के बाद बच्चे को धीरे-धीरे नमक वाला खाना देना शुरू करें | यह ध्यान रखें कि खाने में नमक ऊपर से न डालें | दो साल तक बच्चे को शक्कर नहीं देनी चाहिए क्योंकि बच्चे को अगर इसका स्वाद अच्छा लग गया तो वह अन्य कोई चीज नहीं खाएगा | दूसरा कि शोध बताते हैं कि शक्कर के सेवन से आगे के जीवन में दिल की बीमारियों और मोटापे का खतरा होता है | शक्कर का सेवन बच्चे में ऊर्जा और दांतों में कैविटी को बढ़ाता है | शक्कर के बजाय  बच्चे को खजूर या किशमिश दे सकते हैं जहां इनका स्वाद भी अलग होता है और आयरन से भरपूर भी होता हो | दो साल के बाद सीमित मात्रा में ही मीठा दें | बच्चे को टाफी, चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक न दें |

बच्चे को नमक और शक्कर दोनों का ही स्वाद पता नहीं होता है, इसलिए उसे बिना नमक और शक्कर का खाना देने से कोई नुकसान नहीं होता है | इसके साथ ही बच्चा यदि मीठा खाने लगता है तो आगे चलकर मीठे के प्रति उसका लगाव ज्यादा होता है |

डा. पियाली बताती हैं कि बच्चे को जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराना चाहिए | बच्चें को कोलस्ट्रम देना सुनिश्चित करें | छह माह की आयु तक केवल स्तनपान और उसके बाद ऊपरी आहार देना शुरू करें | दो साल तक ऊपरी आहार के साथ बच्चे को स्तनपान  कराना बेहद जरूरी है  |