बुखार आये तो घबराये नहीं, डॉक्टर से सलाह लेंकर करवाएं जांचे



बाराबंकी  -  यदि किसी को बुखार हो रहा है। घुटनों में दर्द है। आंख में जलन है। तो तुरंत जांच कराएं, क्योंकि बुखार प्लेटलेट्स को कम कर सकता है। आमतौर पर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना डेंगू का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है लेकिन, प्लेटलेट्स कम होने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि मरीज को डेंगू ही है। यह दूसरी बीमारियों के कारण भी ऐसा हो सकता है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू की कुल 2449 जांच की गई। इसमें कुल 173 लोग में डेंगू के लक्षण पाये गये। इसको लेकर विभाग सतर्क है और जांच का दायरा भी बढ़ा दिया गया। यदि किसी को डेंगू जैसे लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत उसकी जांच करानी चाहिए। आम जनमानस में प्लेटलेट्स को लेकर बड़ा भ्रम है, प्लेटलेट्स कम होते ही लोग इसे डेंगू समझ लेते हैं लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। टाइफाइड बुखार व अन्य कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनमें प्लेटलेट्स घट जाती हैं। ऐसे में जरूरत है कि बुखार आने पर तुरंत जांच करवाएं और चिकित्सक के परामर्शानुसार ही दवा लें।

डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट जरूरी : मुख्य चिकित्साधिकारी डा अवधेश कुमार यादव का कहना है कि जनपद में डेंगू के कई केस सामने आए हैं। सभी का इलाज चल रहा है। डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूरी होती है। बगैर एलाइजा जांच कराए किसी भी मरीज को डेंगू से पीड़ित घोषित नहीं करना चाहिए। इस संबंध में जिले के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों को निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सम्बन्धित मरीज का सम्पूर्ण विवरण सीएमओ कार्यालय में उपलब्ध कराया जाए।

जिला अस्पताल में बना 24 बेड का डेंगू वार्ड :  जिला अस्पताल के सीएमएस  डा बृजेश कुमार ने बताया कि इस समय जिले में डेंगू के साथ वायरल फीवर, टायफाइड, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और कोविड का संक्रमण भी चल रहा है। लेकिन इन दिनों डेंगू ज्यादा फैल रहा है और उसके मरीज भी अस्पताल में ज्यादा आ रहे हैं। जिला चिकित्सालय में पहले 24 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया था. लेकिन मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए अब और 24 बेड का इजाफा किया गया है।

सीएमएस का कहना है कि जिला अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल में सीबीसी, प्लेटलेट्स और एलाइजा जांच से लेकर कार्ड टेस्ट की पूरी व्यवस्था है। हमारी पूरी कोशिश है कि हम डेंगू मरीजों का हर संभव इलाज कर सकें। अस्पताल में मरीज को यह सभी सुविधा नि:शुल्क दी जा रही हैं।

क्या होता है डेंगू : डेंगू एक तरह का वायरस है। जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मादा मच्छर अंडे देती है और इन्हीं दिनों डेंगू फैलताहै। कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए साफ पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं।

डेंगू बुखार के लक्षण : ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के चकत्ते होना।

ऐसे करें डेंगू बुखार से बचाव : जब भी घरों से बाहर निकलें तो पूरी बांह की शर्ट, जूते, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात पर जरूर ध्यान रखें। कमरे में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।