इंसानी शरीर को धीरे-धीरे चुग रही है डायबिटीज



  • विश्व मधुमेह दिवस पर विशेष (14  नवंबर)
  • खराब जीवनशैली ने हर उम्र के लोगों में डायबिटीज का खतरा पैदा किया
  • जनपद में भी तेजी से डायबिटीज ने पांव पसारे, महिलाओं का प्रतिशत ज्यादा  

कानपुर नगर  - डायबिटीज आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। डॉक्टरी भाषा में डायबिटीज को ‘साइलेंट किलर’ का खिताब मिला है। खराब जीवनशैली ने हर उम्र के लोगों को इसका शिकार बना दिया है। अगर आपको एक बार डायबिटीज हो गई तो जिंदगी भर के लिए यह आपको परेशान कर सकती है। आज देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जनपद में भी पुरुषों के मुकाबले महिलायें ज्यादा इसकी चपेट में है। मगर चिंता वाली बात यह है कि इसके बावजूद लोग इसके प्रति जागरूक नहीं है और लगातार ऐसी लाइफ स्टाइल को फॉलो कर रहे हैं, जो कई बीमारियों को न्यौता दे रही है।

एनसीडी (गैरसंचारी रोग) के नोडल अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि इंसुलन हार्मोन की वजह से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। जब शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। उन्होंने बताया  कि जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 30 साल से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग कर डायबिटीज की जांच निःशुल्क की जाती है। उनका कहना है की नियमित जांच कराते रहनी चाहिए खाली पेट में ब्लड शुगर 130 से कम और नाश्ते के दो घंटे बाद 180 से कम होना चाहिए। विशेषज्ञ से सलाह के बिना दवा नहीं लेनी चाहिए। डायबिटीज की दवा भोजन से आधा घंटा पहले लेनी चाहिए। डायबिटीज मोटापा, खानपान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से हो सकता है।

उन्होंने बताया की हर साल मधुमेह को लेकर जागरूकता के लिए 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिवस पर मनाया जाता है।  इस बीमारी को रोकने के लिए न केवल जागरूकता बल्कि जीवनशैली में बदलाव भी अहम है| शहरों में अनियमित खान-पान और शारीरिक श्रम कम होने की वजह से मधुमेह के मरीज ज्यादा देखने को मिलते हैं| आईडीएफ यानी इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन हर साल वर्ल्ड मधुमेह दिवस के लिए एक थीम चुनता है। इस बार की थीम “डायबिटीज केयर तक पहुंच” है |

डायबिटीज के लक्षण :

•    भारी शरीर के लोगों को डायबिटीज का ज्यादा खतरा होता है।
•    हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देती है।
•    अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है तो भी डायबिटीज का खतरा रहता है।
•    प्रेग्नेंसी के समय मां को डायबिटीज हो तो भविष्य में शिशु भी इसका शिकार हो सकता है।
•    40 साल की उम्र से ज्यादा सभी लोगों को जिनकी लाइफस्टाइल अच्छी नहीं है, डायबिटीज का खतरा रहता है।

क्या कहती है एनएफएचएस की रिपोर्ट : राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 (2015-16) की रिपोर्ट के अनुसार जनपद में 15 से 49 साल के आयुवर्ग के 3.9 प्रतिशत पुरुषों में 140 से 160 मिलीग्राम के बीच और 3.2 प्रतिशत पुरुषों में 160 मिलीग्राम से ऊपर शुगर की मात्रा है। दूसरी तरफ महिलाओं में डायबिटीज ने महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसारे है। 15 से 49 साल की आयुवर्ग की महिलाओं में 5.1 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो हाई डाइबिटीज की शिकार है। इन महिलाओं में शुगर की मात्रा 140 से 160 मिलीग्राम के बीच पाई गई है। जबकि 160 मिलीग्राम से अधिक शुगर की मात्रा से ग्रसित  महिलाओं की संख्या 4.3  प्रतिशत  है। लगातार शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है,जो चिंता का विषय है।